महाराष्ट। शुक्रवार शाम करीब 7:45 बजे शरद पवार ने उद्धव ठाकरे के नाम पर मुहर लगाई, शनिवार सुबह फडणवीस ने मुख्यमंत्री और अजित पवार ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली
घटनाक्रम से उठे दो सवाल- पहला- क्या भाजपा-राकांपा ने सरकार बनाने का दावा पेश किया था, दूसरा- क्या राज्यपाल ने फडणवीस विधानसभा में बहुमत साबित करने को कहा है
महाराष्ट्र विधानसभा में 288 सीटें, बहुमत के लिए जरूरी 145; भाजपा के पास 105, राकांपा की 54, शिवसेना की 56 और कांग्रेस के पास 44 सीटें
महाराष्ट्र से आशीष राय और दिल्ली से हेमंत अत्री (मुंबई/नई दिल्ली). महाराष्ट्र में शनिवार सुबह बड़ा सियासी उलटफेर हुआ। भाजपा के देवेंद्र फडणवीस ने दोबारा मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली। राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने उन्हें पद औरगोपनीयता की शपथ दिलाई। वहीं, राकांपा नेता और शरद पवार के भतीजे अजित पवार को उपमुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई गई। 9 नवंबर को महाराष्ट्र में लगा राष्ट्रपति शासन शनिवार को 5:47 बजे हटा दिया गया। इसके बाद सुबह 8:15 बजे फडणवीस और पवार ने शपथ ले ली।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे 24 अक्टूबर को आए थे। ढाई-ढाई साल मुख्यमंत्री की बात पर भाजपा-शिवसेना गठबंधन में दरार पड़ गई। इसके बाद कई दौर की बातचीत के बाद शिवसेना-राकांपा और कांग्रेस में सरकार बनाने को लेकर सहमति बनती दिखी। शुक्रवार रात राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने साफ कर दिया था कि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व पर सहमति बन गई है। कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा था कि बातचीत में कई मुद्दे सुलझा लिए हैं, लेकिन अभी कुछ मसलों पर बातचीत चल रही है।
मोदी ने फडणवीस को बधाई दी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देवेंद्र फडणवीस को ट्वीट कर बधाई दी। मोदी ने कहा, च्च्फडणवीस जी को मुख्यमंत्री और अजित पवार जी को उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेने की बधाई। मुझे विश्वास है कि दोनों महाराष्ट्र के उज्ज्वल भविष्य के लिए परिश्रम और लगन से काम करेंगे।ज्ज्

च्शिवसेना की वजह से ऐसा हुआ फडणवीस ने कहा, च्च्हमारे नेता मोदी जी और शाह जी का बहुत आभार। उन्होंने फिर एक बार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में मुझे सेवा करने का मौका दिया। महाराष्ट्र की जनता ने एक स्पष्ट जनादेश दिया था। शिवसेना ने हमारे साथ गठबंधन करने के बजाय दूसरी जगह गठबंधन करने का फैसला किया। शिवसेना की वजह से ऐसी नौबत आई। महाराष्ट्र जैसे अगड़े राज्य को यह शोभा नहीं देता कि यहां ज्यादा दिन राष्ट्रपति शासन लगा रहे। यहां ऐसी कोई सरकार बननी भी नहीं चाहिए जो ज्यादा दिन चल न सके। मैं अजित पवार जी का शुक्रिया करना चाहूंगा कि वे हमारे साथ आए। इसलिए हमने राज्यपाल जी को दावा पेश किया। राज्यपाल जी ने राष्ट्रपति जी से चर्चा की कि शासन हटाने की अनुशंसा की जाए। इसलिए राज्यपाल जी ने हमें शपथ के लिए बुलाया।ज्ज् अजित पवार ने कहा कि हम किसानों की समस्या हल करने के लिए साथ आए हैं।

आज होनी थी प्रेस कॉन्फ्रेंस

तीनों दलों ने अपना न्यूनतम साझा कार्यक्रम तैयार कर लिया था। बताया गया था कि इसके कुछ बिंदुओं पर चर्चा शेष है। शनिवार को फाइनल बैठक के बाद तीनों दल साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस करके अपने निर्णय का औपचारिक ऐलान करेंगे। यह तय माना जा रहा था कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे बनेंगे। शनिवार को इसी बिंदु पर चर्चा के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस होनी थी।