कन्हैया लाल झंवर कांग्रेस के या मंच के ?

डूंगरगढ़ में विधायक को मतदाताओं

ने दिखाया घर का रास्ता

पूर्व विधायक मंगलाराम 36 कोम को

जोड़ने में रहे नाकाम

देवेन्द्र वाणी न्यूज़ बीकानेर। नगर पालिका चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस को ऐसे चौराहे पर लाकर खड़ा किया है की दोनों ही राष्ट्रीय पार्टियों के नेताओ को समझ नहीं आ रहा है की किस राह पर चले। राह न समझ आने के कारण नोखा विधायक बिहारीलाल विश्नोई व नोखा भाजपा के दिग्गज नेता श्रीनिवास झंवर अपने ही गृह क्षेत्र के शहरी मतदाताओं को अपने पक्ष में करने में नाकाम रहे है। कांग्रेस ने तो पहले ही हार के डर से चुनाव मैदान छोड़ दिया और अब नया रास्ता बनाना पड़ेगा। कांग्रेस की यह स्थिति उस वक्त हुयी है जब राज्य सरकार की तरफ से काबिना मंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा को जिले का प्रभारी मंत्री बनाया है और तो और डोटासरा प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष भी है। फिर भी कांग्रेस का चुनाव न लड़ना बहुत कुछ बयां कर रहा है कांग्रेस की स्थिति जिलेभर में बहुत दयनीय है। नोखा में अपना परचम लहराने वाले कन्हैया लाल झंवर एक बार फिर मंच की राजनीती कर रहे है जबकि विधानसभा चुनाव में झंवर कांग्रेस के सिम्बल से बीकानेर पूर्व विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़े फिर इनकी वजह से कांग्रेस की फजीहत दिल्ली के दरबार तक जा पंहुची थी फिर पुनः विकास मंच में हुयी सक्रियता ने कांग्रेस को अंधेरी गलियारों में ला छोड़ा है। वहीं देशनोक नगर पालिका की जिम्मेदारी राज्य के उच्च शिक्षा मंत्री भंवर सिंह भाटी पालिका चुनाव में पूर्ण बहुमत से काबिज होने में नाकाम रहे है। इसी का परिणाम है कि पालिका पर काबिज होने के लिए निर्दलीयों की ओर देखना पड़ रहा है। वहीं भाजपा को प्रत्यक्ष रूप से पूर्व मंत्री देवीसिंह भाटी का साथ न होने का नुकसान हुवा है। यहां पालिका की 25 सीटों में कांग्रेस ने 11 पर जीत दर्ज की है तो भाजपा भी 10 सीटों पर जीत दर्ज करवाने में सफल रही है। अब दोनों पार्टियों को निर्दलीयों को देखना पड़ रहा है। पालिका चुनाव में कांग्रेस को डूंगरगढ़ में स्थापित होने के लिए गंभीरता से मंथन करने के हालत बन गये है। कांग्रेस ने यह चुनाव अपने ही संगठन को नजर अंदाज कर पार्टी के सिम्बल के सहारे लड़ चुके नेताओ के भरोसे चुनाव लड़ा कांग्रेस के सक्रिय कार्यकर्ता व नेताओ को टिकट वितरण के समय तव्वजों नहीं दी गयी और विधानसभा का चुनाव हार चुके मंगलाराम गोदारा को बागडोर दे दी गयी थी। हालाँकि पूर्व विधायक मंगलाराम की पकड़ ग्रामीण मतदाताओं पर तो देखी जा सकती है पर डूंगरगढ़ के कस्बे और शहरी 36 कोम पर पकड़ कमजोर होने का खामियाजा पार्टी को चुनाव में हार कर देखना पड़ रहा है। वैसे पालिका चुनाव में क्षेत्रीय विधायक गिरधारी लाल महिया को मतदाताओं ने घर का रास्ता दिखा दिया उनके द्वारा मैदान में उतारे गए सभी प्रत्याशियों की जमानत जब्त हुयी है यही हाल राजस्थान की राजनीती में तीसरी शक्ति बनने का सपना संजोये बैठे हनुमान बेनीवाल की पार्टी से चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशीयो की भी जमानत जब्त हुयी है विधायक कॉमरेड महिया किसान नेता हनुमान बेनीवाल डूंगरगढ़ पालिका चुनाव में अपना खाता भी नहीं खोल सके। ज्ञात रहे इस चुनाव में विधायक ने अपने घर की महिला सदस्य को भी चुनाव मैदान में उतारा था परन्तु वे चुनाव ही नहीं हारी साथ ही जमानत भी नहीं बचा पायी और महिया को घर का रास्ता देखना पड़ा।