माध्यमिक शिक्षा विभाग के तहत आने वाले सरकारी स्कूलों में 65,545 पद खाली पड़े हैं। नई भर्तियां नहीं होने और लगातार रिटायर हो रहे कर्मचारियों के कारण एक महीने में ही खाली पदों की संख्या में डेढ़ हजार से अधिक की बढ़ोतरी हो गई। पिछले महीने खाली पदों की संख्या 63,950 थी। अब दिसंबर की रिपोर्ट में बताया गया है कि पिछले एक महीने में ही ढाई सौ से अधिक व्याख्याता रिटायर हो गए।

इस कारण व्याख्याताओं के खाली पदों की संख्या बढ़कर अब 13 हजार को पार कर गई है। आरपीएससी की ओर से चल रही 5 हजार व्याख्याताओं की भर्ती में अभी नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू नहीं होने से स्कूलों में व्याख्याताओं के खाली पदों की संख्या बढ़ती जा रही है। वर्तमान में चल रही व्याख्याता भर्ती में भी अगर सभी पदों पर नियुक्ति मिल गई तो भी व्याख्याताओं के 8 हजार पद खाली रह जाएंगे। ऐसे में सरकार पर अब यह भी दबाव है कि पिछले साल दिसंबर में घोषित की गई 3 हजार व्याख्याताओं की नई भर्ती की प्रक्रिया भी जल्दी ही शुरू करे।

रीट की परीक्षा तिथि के ऐलान से मिली राहत

माध्यमिक शिक्षा में ग्रेड-3 शिक्षकों के 11811 पद खाली हैं। इन पदों को भरने के लिए प्रारंभिक शिक्षा से तृतीय श्रेणी शिक्षकों का सेटअप परिवर्तन करना होगा। तृतीय श्रेणी शिक्षकों के पद सीधी भर्ती से भरे जाएंगे। सरकार ने रीट का ऐलान कर दिया है। अगले साल 25 अप्रैल को परीक्षा होनी है। रीट के बाद तृतीय श्रेणी शिक्षकों के 31 हजार पदों पर भर्ती प्रस्तावित है।

सरकारी स्कूलों की शिक्षा की गुणवत्ता में होगा सुधार
शिक्षा विभाग में नई भर्तियां होने से बेरोजगार युवकों को रोजगार मिल सकेगा, वहीं शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार आएगा। शिक्षकों के पद खाली होने का सीधा असर छात्रों के परिणाम पर पड़ता है। बोर्ड का रिजल्ट भी प्रभावित होता है।

अक्टूबर-दिसंबर 2020 में यह है पदों की स्थिति
महीना कुल खाली
दिसंबर 300445 65545
नवंबर 300445 63950
अक्टूबर 298800 62043

65 हजार पद हैं खाली

यह है पदों की स्थिति
नाम स्वीकृत खाली
प्रिंसिपल 11122 1540
हैडमास्टर 3432 1288
व्याख्याता 53551 13025
वरि.अध्यापक 73311 10188
लाइब्रेरियन G-II 1098 730
शिक्षक G-III 84657 11811
कनिष्ठ सहायक 14855 1609
कर्मचारी G-IV 25859 17831