जयपुर। राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत गुट के कांग्रेसी विधायकों ने विधायक दल की बैठक में पूर्व उप-मुख्यमंत्री सचिन पायलट समेत उनके गुट के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की। राजस्थान में पायलट गुट की बगावत के बाद लगभग एक महीने से सियासी संकट जारी है। राजस्थान में रविवार को कांग्रेस के विधायक दल की बैठक हुई। सूत्रों के हवाले से बताया कि बैठक में मौजूद विधायकों ने मांग रखी कि सचिन पायलट और बगावती विधायकों के खिलाफ एक्शन लिया जाए। इस दौरान पार्टी की ओर से राजस्थान के प्रभारी अविनाश पांडे भी मौजूद थे। कांग्रेसी विधायकों ने मंत्री शांति धारीवाल के बयान का समर्थन किया , जिसमें कहा गया कि जिन लोगों ने पार्टी के साथ विश्वासघात किया है, उन्हें वापस आने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। प्रभारी अविनाश पांडे ने कहा कि वह पार्टी आलाकमान के सामने बागी विधायकों की वकालत नहीं करेंगे। वहीं, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विधायकों से ऐसी ही एकजुटता विधानसभा में भी दिखाने को कहा जैसी की अब तक उन्होंने दिखाई है। जैसलमेर के रिसॉर्ट में कांग्रेस विधायक दल और समर्थक दलों की बैठक को संबोधित करते हुए गहलोत ने कहा, ‘हम सब लोकतंत्र के योद्धा हैं। यह लड़ाई हम जीतने जा रहे हैं और साढे़ तीन साल के बाद चुनाव में भी जीतेंगे।’
उन्होंने विधायकों से कहा कि जिस तरह की एकजुटता अब तक दिखाई है उसी तरह की एकजुटता आपको सदन में भी दिखानी है। उन्होंने विधायकों से सदन में तैयारी के साथ जाने को कहा है और उसके बाद अपने-अपने विधानसभा क्षेत्रों में जाकर जन कल्याण कार्यो की एक सूची पेश करने को कहा है ताकि सरकार उन पर काम कर सके।
गहलोत ने लिखा था विधायकों को पत्र
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बीते रविवार को राजस्थान विधानसभा के सभी विधायकों को पत्र लिखकर उनसे लोकतंत्र को बचाने के लिए और प्रदेशवासियों के व्यापक हित में सच्चाई के साथ खड़े होने की अपील की। पत्र में गहलोत ने सभी विधायकों से राज्य के विकास और समृद्धि के वादों को पूरा करने में उनका सहयोग मांगा है। उन्होंने कहा कि मेरी आप सभी से अपील है कि लोकतंत्र को बचाने, हम में जनता का विश्वास बरकरार रखने एवं गलत परम्पराओं से बचने के लिए आपको जनता की आवाज सुननी चाहिए।