देवेन्द्र वाणी न्यूज़ बीकानेर। बीकानेर संभाग में कांग्रेसजनों के लिए दुखद घटना हुई है एक जमाने में बीकानेर के कई मर्तबा सांसद रह चुके किसान वर्ग के नेता स्व. मनफूल सिंह भादू के दामाद नगर परिषद के पूर्व सभापति जगदीश जांदू का देर रात निधन होने के समाचार आग की तरह फ़ैल गए इससे कांग्रेसजन शोकाकुल हो गए है। जगदीश जांदू का राजनैतिक सफर युवक कांग्रेस से शुरू हुवा वे अपने ससुर मनफूल सिंह भादू के चुनाव में मजबूत सहभागियो में रहे है। हर दिल अजीज, हंसमुख, मिलनसार के धनि जगदीश जांदू श्रीगंगानगर नगर निगम के विकास में मील का पत्थर साबित हुवे है। जांदू 60 वर्ष के थे। जांदू के निकटस्थ सूत्रों ने बताया कि रविवार को आधी रात को तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें प्राइवेट अस्पताल में भर्ती करवाया गया। वहां देर रात उन्होंने अंतिम सांस ली। कॉंग्रेसजन और उनसे जुड़े लोग बड़ी संख्या में अंतिम दर्शन के लिए उनके आवास पर पहुंच रहे है।

छात्र राजनीति से सक्रिय राजनीति तक का सफर
जांदू छात्र राजनीति से सक्रिय राजनीति तक पहुंचे। जांदू ने युवक कांग्रेस से शुरुआत की और बाद में जिला कांग्रेस के पदों से होते हुए श्रीगंगानगर नगर परिषद के सभापति पद पर पहुंचे। वर्ष 1999 में हुए श्रीगंगानगर परिषद के चुनाव में नए चेहरे के तौर पर सामने आए और पहली बार नगर परिषद के सभापति चुने गए। उन्होंने 28 नवम्बर1999 को नगर परिषद सभापति के रूप में शपथ ली। वे वर्ष 2004 तक पहली बार नगर परिषद के सभापति रहे। कृषि और आढत जैसे व्यवसायों से जुड़े जांदू बाद में कांग्रेस से सक्रियता से जुड़े रहे। वर्ष 2009 में राज्य सरकार ने सीधे जनता से मतदान के माध्यम से चुनाव की घोषणा की तो जांदू ने निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर ताल ठोकी और 26 नवम्बर 2009 को एक बार फिर नगर परिषद सभापति चुने गए। इस चुनाव में जांदू की जीत ने उन्हें शहर की राजनीति में महत्वपूर्ण स्थान दिलाया। इसी जीत के बाद वर्ष 2013 में वे कांग्रेस प्रत्याशी तौर पर श्रीगंगानगर से चुनाव लड़े लेकिन पराजित हुए।
स्व. जगदीश जांदू व बीकानेर के लोकप्रिय रहे मनफूल सिंह भादू सदैव कांग्रेस के प्रति अपना लगाव रखते थे परन्तु कोई न कोई कारण ऐसा बना की दोनों नेता राज्य के मुख्यमंत्री की राजनीती के शिकार हो गए। हाल ही में श्रीगंगानगर के निर्दलीय विधायक कांग्रेस से बागी होकर चुनाव जीते जिनका समबन्ध अशोक गहलोत के साथ जग जाहिर है। गहलोत की चतुर राजनीती के शिकार हुवे मनफूल सिंह भादू जिन्होंने अशोक गहलोत को उभरने में मजबूत साथ दिया पर गहलोत ने पूर्व लोकसभा अध्यक्ष बलराम जाखड़ को समर्थन कर भादू का टिकट बीकानेर से कटवा दिया ये रही गहलोत की जादूगरी।