देवेन्द्रवाणी न्यूज,बीकानेर। शिक्षा मंत्री के गृह जिले में ही जब शिक्षा व शिक्षण व्यवस्था का ये हाल है तो प्रदेश की स्कूलों में शिक्षा व शिक्षण व्यवस्था का अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है। लूणकरनसर के बाद अमरपुर के विद्यार्थियों ने शिक्षा अर्थात् शिक्षक लगाने के लिए अपने गांवों से बीकानेर तक का पैदल मार्च किया। इसके बावजूद शिक्षण व शिक्षा व्यवस्था पटरी पर नहीं आ रही है। जिसके चलते मजबूरन अभिभावकों व बच्चों को बीकानेर का रुख करना पड़ रहा है। श्रीडूंगरगढ़ के बापेऊ गांव स्थित सरकारी स्कूल में 500 विद्यार्थियों को महज तीन शिक्षक पढ़ा रहे है। इससे तंग व परेशान होकर अभिभावकों व विद्यार्थियों ने स्कूल पर ताला जड़ दिया है। पिछले चार दिनों से स्कूल बंद पड़ी है। ऐसे में गुरुवार को बीकानेर पहुंचे अभिभावकों व विद्यार्थियों ने जिला कलक्ट्रेट पर किया विरोध प्रदर्शन किया। इनका कहना है कि बापेऊ के राजकीय विद्यालय में 500 से ज्यादा विद्यार्थी अध्ययन कर रहे हैं और उन्हें पढ़ाने के लिए विद्यालय में सिर्फ 3 अध्यापक की है। जिस वजह से विद्यार्थियों की पढ़ाई खराब हो रही है, इसलिए वे पिछले 4 दिनों से महाविद्यालय के बाहर ताला लगाकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं लेकिन सरकार सरकार द्वारा उनकी कोई सुनवाई नहीं होने से वे आज जिला कलेक्ट्रेट पहुंचे और विरोध प्रदर्शन किया। इनका कहना है कि अगर विद्यालय में जल्द से जल्द अध्यापकों के रिक्त पदों को नहीं भरा जाता है दोनो शिक्षा मंत्री का घेराव करेंगे।