बीकानेर. पुलिस विभाग के सबसे निचले पायदान के कार्मिक सिपाही के तबादले के लिए विधायकों और मंत्रियों के डिजायर देने की बात सामने आ रही है। पुलिस मुख्यालय ने ऐसी डिजायर के आधार पर 800 से अधिक सिपाहियों की सूची जिला पुलिस अधीक्षकों को भेजी है। हालांकि यह सूची मंगलवार को सोशल मीडिया पर वायरल होने पर अधिकारी इससे इनकार करते नजर आए। आम तौर पर पुलिस विभाग में उपनिरीक्षक से ऊपर के स्तर के तबादलों में राजनीतिक दखल-अंदाजी रहती है। वह भी सीमित दायरे में। सिपाही के तबादले पूरी तरह पुलिस अधीक्षक के स्तर पर किए जाते हैं जबकि निरीक्षक, उपनिरीक्षक स्तर के अधिकारियों के तबादले रेंज के भीतर पुलिस महानिरीक्षक के स्तर पर होते हैं। वायरल तबादला अनुशंसा आदेश में प्रदेशभर के 830 सिपाहियों का नाम और जिला अंकित हैं। इसमें सीएमओ, मंत्रियों व विधायकों से प्राप्त अनुशंसा का हवाला भी दिया गया है। पुलिस महानिरीक्षक जयपुर सुरेन्द्र कुमार गुप्ता की ओर से जारी करना बताया गया है। सूची के साथ स्पष्ट कहा गया है कि संबंधित सिपाही तबादला चाहता है या नहीं, यह पता कर 30 जून तक मुख्यालय को अवगत कराया जाए।

जिलेवार सिपाहियों की तबादला सिफारिश
अजमेर से 36, अलवर से 8, बारां से 28, बांसवाड़ा से 16, बाड़मेर से 30, भरतपुर से 4, भीलवाड़ा से 44, भिवाड़ी से 16, बीकानेर से 22, बूंदी से 19, चितौड़गढ़ से 20, चूरू से 15, सीआईडी-सीबी से 4, दौसा से 9, धौलपुर से 5, डूंगरपुर से 3, श्रीगंगानगर से 25, अजमेर जीआरपी से 15, जीआरपी जोधपुर से 2, जीआरपी पुलिस थाना कोटा से एक, हनुमानगढ़ से 8, आयुक्तालय जयपुर से 76, जयपुर ग्रामीण से 9, जैसलमेर से 25, जालौर से 14, झालावाड़ से 57, झुंझुनूं से 4, जोधपुर आयुक्तालय ग्रामीण से 2, आयुक्तालय जोधपुर से 23, जोधपुर ग्रामीण से 20, करौली से 7, कोटा शहर ग्रामीण से 70, नागौर से 11, पाली से 37, प्रतापगढ़ से 3, राजसमंद से 19, सवाई माधोपुर से 4, सीकर से 5, सिरोही से 30, टोंक से 7 एवं उदयपुर से 34 सिपाहियों के स्थानांतरण की अनुशंसा की गई है।
जारीकर्ता ने बताया फेक

सिपाहियों के तबादलों के संबंध में सीएमओ, मंत्रियों व विधायकों की अनुशंसा करना मेरी जानकारी में नहीं है। सोशल मीडिया पर अगर कोई सूची वायरल हो रही है, तो वह फेक हो सकती हैं

सूची नहीं मिलीऐसी कोेई सूची और इस संबंध में कोई आदेश व निर्देश नहीं मिले हैं। वैसे यह सूची सही है, यह कहना भी मुश्किल है। मुख्यालय से अगर सूची आएगी, तो उस समय सोचेंगे क्या करना है।