देशभर में चर्चित रहे बीकानेर में हुए दुष्कर्म मामले में पॉक्सो कोर्ट ने मंगलवार को दोषियों को सजा सुना दी। इस मामले में दुष्कर्म के मुख्य आरोपी PTI (फिजिकल ट्रैनिंग इंस्ट्रक्टर) को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है जबकि कॉलेज प्राचार्य और वार्डन को छह-छह साल की सजा सुनाई गई है। शनिवार को इस मामले में बीकानेर की पॉक्सो कोर्ट ने पीटीआई सहित तीन को दोषी तो मान लिया लेकिन सजा मंगलवार को सजा सुनाई गई।
नोखा के जैन आदर्श कन्या शिक्षक प्रशिक्षण संस्थान में बीएसटीसी (बेसिक स्कूल टीचिंग सर्टिफिकेट) कर रही एक नाबालिग छात्रा के साथ दुष्कर्म किया गया था। सेकंड इयर में पढ़ने वाली ये छात्रा हॉस्टल में रहती थी। उसने कॉलेज के पीटीआई विजेंद्र सिंह के रूम में सुसाइड किया था। आरोप है कि वार्डन प्रिया शुक्ला ने 28 मार्च 2016 की रात इस छात्रा को पीटीआई विजेंद्र सिंह के रूम में भेजा था। छात्रा अपने कमरे में नहीं मे मिली तो उसे सभी कमरों में ढूंढा गया। इस पर वो पीटीआई के कमरे में मिली। इस मामले के बाद संस्थान प्रबंधन ने उससे व पीटीआई दोनों से माफीनामा लिखवा लिया था। अगले दिन सुबह 29 मार्च को हॉस्टल के पानी के कुंड में इस छात्रा का शव मिला।
संस्था मालिक दोषी नहीं
इस मामले में संस्थान मालिक ईश्वरचंद्र बैद के खिलाफ भी छात्रा के परिजनों ने मामला दर्ज कराया था। बैद के अलावा पीटीआई विजेंद्र सिंह, हॉस्टल वार्डन प्रिया शुक्ला और उसके पति प्रतीक शुक्ला के खिलाफ मामला दर्ज हुआ। अदालत ने बैद को दोष मुक्त करार दिया क्योंकि वो मौके पर और पूरे मामले में कहीं नहीं थे। वार्डन, पीटीआई और प्रिंसिपल को दोषी माना था।
ये मिली सजा
अदालत ने इस मामले में पीटीआई विजेंद्र सिंह को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। मुख्य सजा दुष्कर्म की धारा 376 के तहत सुनाई गई है। वहीं प्रिंसिपल वार्ड प्रिया शुक्ला व उसके पति प्रतीक शुक्ला को छह-छह साल की सजा सुनाई गई है। अन्य धाराओं में भी सजा दी गई है। सभी सजा एक साथ चलेगी। परिवादी की ओर से अनवर अली सैयद और बजरंग छीपा ने पैरवी की।
इतना लंबा चला केस
यह केस 5 साल 6 महीने और 12 दिन की लंबी सुनवाई के बाद सजा तक पहुंचा है। इस दौरान अदालत में 34 गवाह पेश किए गए। वहीं 45 तरह के रिकार्ड पेश किए गए। केस में 85 बार पेशी हुई।