झुंझुनूं, 155 बीएसएफ बटालियन में तैनात हवलदार सुजान सिंह का पार्थिव शरीर गुरुवार को उनके पैतृक गांव भैंसावता खुर्द (झुंझुनूं) पहुंचा। पूरे गांव में शोक की लहर छा गई। शहीद हवलदार सुजान सिंह का अंतिम संस्कार गांव के ही श्मशान घाट पर सैन्य सम्मान के साथ किया गया। बड़े पुत्र ओमवीर सिंह ने मुखाग्नि दी।

बेटे ओमवीर को सौंपा गया तिरंगा।
बेटे ओमवीर को सौंपा गया तिरंगा।

सुजान सिंह 14 दिसंबर को ओडिशा के लक्ष्मीपुर कोरापुट इलाके में नक्सली हमले के दौरान शहीद हो गए। बड़े बेटे ओमवीर ने कहा कि पिता के शहीद होने पर गर्व है। शहीद के अंतिम संस्कार के दौरान पूरा गांव एकत्रित हो गया। इस दौरान वंदे मातरम ,भारत माता की जय और शहीद हवलदार सुजान सिंह अमर रहे के नारे लगे। बीएसएफ की टुकड़ी ने शहीद हवलदार सुजान सिंह को अंतिम सलामी दी।

शव श्मशान घाट पर लाया गया।
शव श्मशान घाट पर लाया गया।

शहीद हुए चिड़ावा सैनिक कल्याण अधिकारी लेफ्टिनेंट कर्नल जयपाल सिंह पूनिया ने सेना से मिली आधिकारिक सूचना के आधार पर बताया कि विशाखापट्टनम एयरपोर्ट से एयर एशिया की फ्लाइट से बुधवार रात 1:30 बजे दिल्ली एयरपोर्ट के टर्मिनल 3 पर उनकी पार्थिव देह पहुंची है। उसके बाद पार्थिव देह को सड़क मार्ग से उनके पैतृक गांव भैंसावता खुर्द लाया गया है, जहां अंतिम संस्कार किया गया।

सुजान सिंह के भतीजे बंटी सिंह ने बताया कि सुजान सिंह 1994 में बीएसएफ में भर्ती हुए थे। आखिरी बार 21 नवंबर को परिवार में शादी समारोह में शामिल होने भैसावता गांव आए थे। सुजान सिंह के शहीद होने की खबर के बाद से ही गांव में शोक की लहर दौड़ गई है।