देवेन्द्रवाणी न्यूज,बीकानेर। जिले की सात विधानसभाओं  में भाजपा की जनाक्रोश यात्रा का आगाज हो चुका है। जिसमें कांग्रेस सरकार की विफलताओं को गिनाया जा रहा है और पेम्पलेट बांटकर आमजन को राज्य सरकार की नाकामियों से रूबरू करवाया जा रहा है। लेकिन इस यात्रा में विधानसभा के टिकट के दावेदारों की मौजा हो गई है। वे आक्रोश यात्रा की आड़ में अपनी चुनावी पृष्ठभूमि तैयार करते नजर आ रहे है। मजे की बात तो यह है कि आम कार्यकर्ताओं का यात्रा से सोशल डिस्टेंटस दिखा। हालांकि पार्टी इसके पीछे अलग अलग तर्क देकर अपनी इस पीड़ा को छिपाने का भरसक प्रयास कर रही है। किन्तु हकीकत यही है कि आक्रोश यात्रा में उम्मीद के अनुरूप भीड़ नहीं जुट पा रही है। मंजर यह है कि पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं ने भी इससे दूरियां बनाई हुई है। जो इस बात की ओर इशारा कर रही है कि पार्टी में किस कदर गुटबंदी चरम पर हे।
दावेदार बना रहे अपनी छवि
जनाक्रोश यात्रा की आड़ में आगामी विधानसभा चुनाव में अपनी दावेदारी जताने वाले संभावित अपनी छवि बनाने में जुट गए है। वे जगह जगह अपना स्वागत करवाकर सोशल मीडिया पर उनकी फोटो इस कदर वायरल कर रहे है। मानो आगामी विधानसभा चुनाव में उन्हें ही पार्टी का अधिकृत उम्मीदवार घोषित किया जाएगा। जिले की बीकानेर पश्चिम,पूर्व,कोलायत,श्रीडूंगरगढ़ व खाजूवाला विधानसभा में ऐसे हालात ज्यादा देखने को मिल रहे है। जहां दावेदार जनाक्रोश यात्रा को अपनी प्रबल दावेदारी में भुनाने में लगे हुए है।
यात्रा भी लग रही महज खानापूर्ति
सरकार की विफलताओं को उजागर करने के लिये भाजपा की ओर से निकाली जा रही जनाक्रोश यात्रा महज खानापूर्ति सी लग रही है। हालात यह है कि इस यात्रा से वर्तमान के अनेक पदाधिकारियों के अलावा पूर्व पदाधिकारियों,पूर्व मंडल अध्यक्षों,अग्रिम संगठनों के पूर्व पदाधिकारियों,पूर्व पार्षदों सहित वरिष्ठ नेताओं ने दूरी बना रखी है। वर्तमान पदाधिकारी भी अपने मंडल स्तर की रैलियों में भागीदारी निभाकर पार्टी की दी गई जिम्मेदारी का फर्ज निभा रहे है।