देवेन्द्रवाणी न्यूज,बीकानेर। जैन महासभा जैन समाज के पावन तीर्थ श्री सम्मेद शिखर को झारखंड सरकार द्वारा पर्यटक स्थल बनाने का प्रस्ताव पारित कर केंद्र सरकार को भेजे जाने के खिलाफ जैन महासभा बीकानेर ने जिला कलक्टर भगवती प्रसाद कलाल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में बताया कि सम्मेद शिखर को पर्यटन क्षेत्र घोषित करने का विरोध कर सम्मेद शिखर को पर्यटन की वजह पवित्र स्थल घोषित किया जाए। झारखंड सरकार के अनुशंसा पर केंद्र केंद्रीय वन मंत्रालय की अधिसूचना जारी कर श्री सम्मेद शिखर को वन जीवन अभ्यारण का एक भाग घोषित किया गया। जिसके कारण पर्यटन व गैर धार्मिक गतिविधियों की जो अनुमति दे दी है उसे जैन समाज की भावनाओं को ठेस पहुंची है। महासभा अध्यक्ष जैन लूणकरण छाजेड़ ने कहा की जैन समाज की यह पवित्र जगह है इसकी पवित्रता खंडित नहीं होनी चाहिए।  जैन महासभा ने शिखर जी को पवित्र तीर्थ घोषित करने की मांग करते हुए  ज्ञापन में लिखा कि जैन समाज के पावन तीर्थ श्री सम्मेद शिखर को झारखंड सरकार द्वारा पर्यटक स्थल बनाने का प्रस्ताव पारित कर केंद्र सरकार को भेजे  जाने के खिलाफ जैन महासभा बीकानेर विरोध करती है । महामंत्री सुरेन्द्र  जैन ने कहा कि झारखण्ड सरकार की अनुसंशा पर केन्द्रीय वन मंत्रालय नेअधिसूचना जारी कर श्री सम्मेद शिखर को वन्य जीव अभ्यारण का एक भाग घोषित किया। जिसके कारण पर्यटन व गैर धार्मिक गतिविधियों की जो अनुमति दी है, उससे  जैन समाज की भावनाओं को ठेस पहुंच रही है। वह सभी अपने क्षेत्र की पवित्रता चाहतेहैं। जिसके संरक्षण का उनको अधिकार है। हमारी मांग है कि श्री सम्मेद शिखर तीर्थ को पर्यटन के बजाए पवित्र स्थल घोषित किया जाय. इस आशय का ज्ञापन जिलाधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री को सौपते हुए अपनी भावनाएं जिला कलेक्टर बीकानेर के समक्ष रखी। ज्ञापन देने वालों में  जयचंद लाल डागा ,कन्हैया लाल बोथरा , सुरेन्द्र जैन , मोहन सुराणा , मेघराज बोथरा,गणेश बोथरा , निर्मल धारीवाल ,  रविन्द्र रामपुरिया , प्रताप रामपुरिया , विनोद बाफना, जतन लाल संचेती , अजित खजान्ची , जिनेन्द्र जैन , दिनेश जैन। अशोक श्रीश्रीमाल , रवि पुगलिया ,  विनीत बोथरा इत्यादि कार्यकर्त्ता ज्ञापन देने पहुंचे।