बीकानेर। बीकानेर में देशभर के 25 प्रांतों के करीब एक हजार मूक बघिर बच्चे स्किल डवलपमेंट के गुर सीखेंगे। पांच दिनों तक अनेक विधाओं के टिप्स लेने के साथ एक हजार पौधे लगाकर भी वल्र्ड रिकार्ड बनाने का प्रयास करेंगे। मौका होगा महावीर इंटरकांटिनेंटल सर्विस आर्गेनाइजेशन की ओर से आयोजित डवलपमेंट शिविर का। प्रेस वार्ता में आयोजन की जानकारी देते हुए अन्तराष्ट्रीय महासचिव लोकेश कावडिय़ा ने बताया कि मूक-बधिर बच्चों के लिए 28 सितम्बर से 02 अक्टूबर तक स्किल डेवलपमेंट शिविर का आयोजन किया जा रहा है। शिविर में 75 विधाओं को सिखाया जाएगा। जिसमें देश भर के 1000 मूक बघिर बच्चे शामिल होंगे। इनमें से 250 बच्चे राजस्थान से और करीब सौ बच्चे बीकानेर से होंगे। उन्होंने बताया कि 12 से 20 वर्ष की आयु तक के बच्चों को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से इस प्रकार का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।। उन्होंने बताया कि पहले दो दिन ट्रेनर बच्चों को सिखाएंगे व बाद में ट्रेनर्स की प्रत्यक्ष निगरानी में बच्चे एक दूसरे को टिप्स देकर अपना आत्मविश्वास बढ़ाएंगे। कार्यक्रम संयोजक विजय सिंह डागा ने बताया कि शिविर समाप्ति से एक दिन पूर्व एक अक्टुबर को मेघासर गांव में मूक बघिर बच्चे अलग अलग प्रजाति के एक हजार पौधे लगाकर विश्व रिकार्ड बनाएंगे। प्रेस वार्ता में सहसंयोजक संतोष बांठिया,अशोक जैन,पुनीत हर्ष भी मौजूद रहे।
यह है संस्था का उद्देश्य
डागा ने बताया कि महावीर इंटरकांटिनेंटल सर्विस आर्गेनाइजेशन (मीसो) के उद्देश्य सेवा,संस्कार एवं स्वावलंबन है। अपने उद्देश्य को पूरा करते हुए संस्था ने सेवा के क्षेत्र में अनेक कार्य किए हैं एवं 6 वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाये है। संस्था के पास एक आईं केयर एंबुलेंस है जिसके माध्यम से रोजाना कम से कम 500 लोगो की निशुल्क आंखों की जांच कर निशुल्क चश्मा निशुल्क दवाइयां एवं निशुल्क मोतियाबिंद का आपरेशन किया जा रहा है। संस्था के पास एक ईयर केयर एंबुलेंस भी है जिसमें निशुल्क बहरेपन की जांच की जाती है एवं जरूरत मंदों को निशुल्क कान की मशीन भी उपलब्ध कराई जाती है। स्वावलंबन के क्षेत्र में मीसो ने अब तक 41000 से ज्यादा लोगों को स्वरोजगार में लगा रखा है एवं स्वरोजगार के कार्य सतत चल रहे हैं।