
बीकानेर में मानसून की एक बारिश ने ही नगर निगम की पोल खोल कर रख दी है। हालात इतने बदतर है कि नगर निगम कार्यालय खुद पानी में डूब गया, जहां से रविवार देर रात तक पानी निकालने का काम चलता रहा। शहर के लगभग सभी नाले उफान पर है और कच्ची बस्तियों में पानी कच्चे मकानों के लिए खतरा बना हुआ है। बीकानेर नगर निगम ने जून महीने में ही नालों की सफाई का दावा किया था, लेकिन इसके विपरीत जुलाई के पहले सप्ताह की बारिश में ये नाले उफान पर है। अभी मानसून की एक बारिश हुई है जबकि छह व सात जुलाई को फिर से बारिश होने की उम्मीद जताई जा रही है। रविवार की तरह ही बारिश हुई तो बड़ा नुकसान होने की आशंका बनी हुई है।
सूरसागर लबालब
बारिश के कारण सूरसागर पूरी तरह लबालब हो गया। पिछले कई सालों में पहली बार सूरसागर की सभी सीढ़ियों तक पानी पहुंच गया है। एक बार तो पानी सूरसागर झील से सड़क तक आ गया था। सूरसागर पूरी तरह भरने के बाद ही पानी सूरसागर की खाई तक पहुंच गया। जहां दीवार टूटने के बाद जूनागढ़ के चारों और बनी तीस फीट से ज्यादा गहरी खाई में पानी पहुंचा। पुरानी गिन्नाणी की गलियों में अब तक पानी भरा हुआ है। सूरसागर से कीर्ति स्तम्भ तक दो से तीन फीट पानी थी। इसी रोड पर नगर निगम का मुख्यालय है, जिसके आगे बाढ़ जैसा दृश्य बन गया था। अब पानी उतर गया है लेकिन हालात आज भी खतरनाक ही है।
सड़क पर अधूरा काम आफत
जैसलमेर रोड पर नेशनल हाइवे को चौड़ा करने का काम हो रहा है। पिछले दिनों कोठारी अस्पताल से मुरलीधर व्यास कॉलोनी तक सड़क के दोनों और एक से डेढ़ फीट तक सड़क को खोदा गया। यहां सड़क नहीं बनने से खड्डे रह गए। अब बारिश में पानी भरने से वाहन चालकों को पता ही नहीं चल रहा कि कहां पानी है और कहां सड़क। ये अधूरा काम अब आफत बन गया है।