बीकानेर। कोरोना अब धार्मिक आयोजनों को रोकने का जरिया बन गया है जहां बाजार /मॉल व शहर, मोहल्लों में भीड़ देखी जा सकती है। आम दिनों की दिनचर्या में मंदिरो के दर्शन किये जा सकते है। परन्तु जब किसी मंदिर के बड़े आयोजन के दिन आने से पहले प्रशासन मंदिर व्यवस्थापको से आयोजन न करने का निर्णय करवा लेती है। हाल ही 9 दिन नवरात्रि पर देशनोक की माँ करणी के दर्शन का लाभ नहीं मिल सका जबकि बीकानेर के वैष्णो धाम मंदिर व माँ नागणेची के दर्शन किये जाते रहे। बताया जा रहा है कि पूनरासर धाम में शरद पूर्णिमा पर मंदिर के द्वार बंद रहेंगे। वहीं नवरात्रा समापन के साथ माँ करणी के दर्शन पट खोल दिए गए है। जिला प्रशासन को कौन समझाये की लोग अपनी दिनचरिया को भीड़भाड़ के माहौल में रहकर अपने कार्यो में जुट चुके है। जिला प्रशासन को लोगो को आहत कर आस्था पर की जा रही चोट को बंद कर शहर में सबसे व्यस्त मार्ग कोटगेट, सट्टा बाजार, बड़ा बाजार, भुजिया बाजार, दाऊजी रोड, मोहल्ला कसाईवान में हो रही भीड़ पर अंकुश लगाने पर ध्यान दे तो इससे कोरोना पर अंकुश हो पायेगा न की किसी धार्मिक आयोजन पर रोक लगाने से।