बीकानेर। इंगानपा में चीफ इंजीनियर के द्वारा कार्यरत वरिष्ठ सहायक निलंबित के मामले में हाईकोर्ट ने रोग लगा दी। हाईकोर्ट ने इंगानप से सस्पेंड करने के मामले में जबाब मांग है। जानकारी में रहे कि 29 सित. को वरिष्ठ सहायक वासुदेव जाखड़ को सस्पेंड कर दिया था। बताया जा रहा था कि चीफ इंजिरियर के पास अधीक्षण अभियंता ने शिकायत की थी उसी के आधार पर जाखड़ को निलबित किया था। इस पर जाखड़ ने राजस्थान उच्च न्यायालय में वाद दायर करते हुए अपने सस्पेंशन को गलत ठहराते हुए न्याय की मांग की। इस पर एडवोकेट प्रमेंद्र बोहरा ने रिट दायर की। जिसमें चीफ इंजीनियर की ओर से कि ए गए आदेश को अनुचित बताया गया। अधीक्षण अभियंता के एक पत्र के आधार पर सस्पेंड करने को नियम विरुद्ध बताया गया। ये भी आरोप लगाया गया कि चीफ इंजीनियर ने स्वविवेक या किसी जांच के आधार पर सस्पेंड नहीं किया है। राजस्थान सिविल सेवा अपील (वर्गीकरण, नियंत्रण और अपील) निम के तहत भी सस्पेंड करने के आदेश नियमों के खिलाफ है। इस पर न्यायालय ने सस्पेंड आर्डर पर रोक लगाते हुए चीफ इंजीनियर से जवाब तलब किया है।