बीकानेर। श्रीडूंगरगढ़ कैंप कोर्ट के न्यायाधीश विक्रमसिंह भाटी की अदालत के पूनरासर में स्थित पानी के कुंड में तीन नाबालिग बच्चों को धक्का देकर पानी में डूबाकर हत्या करने की आरोपी मृतकों की माता लिछमा सिद्ध निवासी गांव कीकासर-सरदारशहर चूरू हाल पूनरासर को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास सहित दस हजार रुपए अर्थदंड से दंडित किया है। आरोपी की ओर से अर्थदंड की राशि अदालत में जमा नहीं करवाने पर उसे छह माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। प्रकरण के अनुसार परिवादी डूंगरनाथ सिद्ध ने 16 अप्रेल 2014 को थाना पुलिस सेरूणा में रिपोर्ट दी कि वह गांव कीकासर का निवासी है। उसकी शादी करीब बारह वर्ष पूर्व आरोपी लिछमा से हुई थी। जिससे उसके तीन बच्चे सरिता दस वर्ष, गोपाल आठ वर्ष व अन्नू पांच वर्ष है। घटना से एक माह पूर्व उसकी प7ी उसके साथ झगड़ा करके अकेली पीहर पूनरासर चली गई। करीब दस दिन बाद परिवादी ने बच्चों को भी पूनरासर भेज दिया। तभी 16 अप्रेल की सुबह फोन से सूचना मिली कि उसकी प7ी ने तीनों बच्चों को कुंड में डालकर मार दिया है। जिस पर वह परिवार के सदस्यों के साथ श्रीडूंगरगढ़ अस्पताल पहुंचा। यहां मोर्चरी में उसके तीनों बच्चों के शव रखे हुए थे। अभियोजन पक्ष की ओर से 16 गवाहों के बयान अदालत में करवाए गए।