कोरोना के इस दौर में इम्युनिटी बढ़ाने के लिए अगर आप आयुर्वेद दवाओं का सहारा लेना चाहते हैं तो सरकारी औषधालय जाने से पहले पता कर लेना चाहिए कि वो बंद है या खुला। दरअसल, बीकानेर में इन दिनों 117 आयुर्वेद औषधालय है, लेकिन अस्सी पर ताला लटका हुआ है। मजे की बात है कि इन बंद औषधालयों के डॉक्टर्स और नर्सिंग स्टॉफ को चिकित्सा विभाग ने इधर-उधर लिपिकीय काम में लगा रखा है।
जिला प्रशासन ने आयुर्वेद विभाग के डॉक्टरों को चिकित्सा विभाग के CMHO के अधीन कर दिया। इससे जहां लिपिक की जरूरत है, वहां भी आयुर्वेद विभाग के डॉक्टर पद स्थापित कर दिए गए हैं। जिला प्रशासन की ओर से बनाए गए वार रुम में छह आयुर्वेद चिकित्सक काम कर रहे हैं। इसी तरह पीबीएम अस्पताल के काेविड सेंटर सहित कलक्टरी व अन्य कंट्रोल रूम में भी आयुर्वेद चिकित्सक तैनात है। कुछ तो कलक्टर कार्यालय में ही उपस्थिति दे रहे हैं। वर्तमान में चालीस डॉक्टर, बीस से ज्यादा नर्सिंग स्टॉफ और दो सहायक कर्मचारी चिकित्सा विभाग और प्रशासन के अधीन काम कर रहे हैं।
श्रीडूंगरगढ़ में एक भी नहीं
श्रीडूंगरगढ़ तहसील में दर्जनभर आयुर्वेद औषधालय है लेकिन यहां एक भी आयुर्वेद चिकित्सक काम नहीं है, सभी को बीकानेर में डेपुटेशन पर लगा दिया गया है। श्रीडूंगरगढ़ विधायक ने कस्बे के सभी वार्डों में काढ़ा पिलाने के लिए आयुर्वेद विभाग को लिख दिया। अब बड़ी मुश्किल से विभाग यह काम कर पा रहा है।
शहर में भी बंद
बीकानेर शहर में भी आयुर्वेद औषधालयों पर ताला लगा हुआ है। नत्थूसर बास स्थित आयुर्वेद औषधालय बंद है तो जस्सूसर गेट औषधालय नर्सिंग स्टाफ के भरोसे था। जिसे स्थानीय लोगों के विरोध के बाद फिर से शुरू किया गया है। शहर के सोनगिरी कुआ और शीतला गेट जैसे बड़े औषधालय भी इन दिनों बंद पड़े हैं।
एक साल से बंद ये औषधालय
इसके अलावा सहजरासर, काकड़ा, पिपेरा, डंडी, खाजूवाला में तो अप्रैल 2020 से ही ताला लगा हुआ है। इन गांवों के औषधालय के चिकित्सक अप्रैल 20 में बीकानेर सीएमएचओ को सौंपे गए थे, जो अब तक वापस अपने औषधालय नहीं भेजे गए हैं। ऐसे में इन गांवों में भी आयुर्वेद चिकित्सा दम तोड़ रही है।
एक लाख को पिलाया काढ़ा
विभाग के उप निदेशक डॉ. रमेश सोनी का कहना है कि हमारा स्टाफ चिकित्सा विभाग के पास है। इसके बावजूद हमने अब तक एक लाख से अधिक लोगों को काढ़ा पिलाया है। समाजसेवी संस्थाओं और नगर निगम के साथ मिलकर बीकानेर के चालीस वार्डों में काढ़ा पिलाने का काम हो चुका है जबकि शेष में जारी है। कोरोना की दवाएं हमारे पास उपलब्ध है लेकिन स्टॉफ के अभाव में औषधालय बंद पड़े हैं। राजकीय आयुर्वेद औषधालय जस्सूसर गेट के प्रभारी डॉ. सुधांशु व्यास ने बताया कि अगले कुछ दिन में शहर के सभी अस्सी वार्डों में काढ़ा पहुंचे जायेगा। स्टॉफ कम होने से यह काम स्वयंसेवी संस्थाओं के सहयोग से हो रहा है। रविवार को पूनरासर सेवा समिति के सहयोग से जवाहर नगर में काढ़ा वितरण हुआ।