नई दिल्ली।  नए आईटी नियमों को लेकर केंद्र सरकार और सोशल मीडिया की दिग्गज कंपनी ट्वविटर के बीच विवाद छिड़ा हुआ है। मगर इस बार केंद्र सरकार ने ट्विटर को आखिरी चेतावनी दी है और कहा कि नए आईटी नियमों को मान लें और लागू करें, वरना अंजाम भुगतने को तैयार रहें। सरकार की ओर से जारी फाइनल नोटिस में कहा गया है कि नए आईटी नियमों के अनुपालन में विफल रहने पर ट्विटर आईटी कानून के तहत दायित्व से छूट गंवा देगी। दरअसल, सरकार ने ट्विटर इंडिया को नए आईटी नियमों का पालन करने के लिए फाइनल नोटिस जारी किया है। 

सरकार ने कहा कि ट्विटर इंडिया को नए नियमों का तुरंत पालन करने के लिए एक अंतिम नोटिस दिया गया है, जिसके विफल होने पर आईटी अधिनियम, 2000 की धारा 79 के तहत उपलब्ध दायित्व से छूट गंवा देगी और ट्विटर आईटी अधिनियम और भारत के अन्य दंड कानून के अनुसार परिणामों के लिए उत्तरदायी होगा।  इतना ही नहीं, सरकार ने ट्विटर से अनुपालन अधिकारी के अलावा कंपनी के एक कर्मचारी को शिकायत अधिकारी और नोडल संपर्क कर्मी नियुक्त करने को कहा है।

इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (मेइटी) ने कहा कि ट्विटर द्वारा इन नियमों के अनुपालन से इनकार से पता चलता है कि माइक्रोब्लॉगिंग साइट में प्रतिबद्धता की कमी है और वह भारत के लोगों को अपने मंच पर सुरक्षित अनुभव प्रदान करने का प्रयास नहीं करना चाहती। सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने कहा कि भारत में करीब एक दशक से अधिक से परिचालन के बावजूद यह विश्वास करना मुश्किल है कि ट्विटर ने एक ऐसा तंत्र विकसित करने से इनकार कर दिया है, जिससे भारत के लोगों को उसके मंच पर अपने मुद्दों के समयबद्ध और पारदर्शी तरीके से उचित प्रक्रिया के जरिये हल में मदद मिलती। 

मंत्रालय ने कहा कि ये नियम हालांकि 26 मई, 2021 से प्रभावी हैं, लेकिन सद्भावना के तहत टि्वटर इंक को एक आखिरी नोटिस के जरिये नियमों के अनुपालन का अवसर दिया जाता है। उसे तत्काल नियमों का अनुपालन करना है। यदि वह इसमें विफल रहती है, तो उसे दायित्व से जो छूट मिली है, वह वापस ले ली जाएगी। साथ ही उसे आईटी कानून और अन्य दंडात्मक प्रावधानों के तहत कार्रवाई के लिए तैयार रहना होगा। नोटिस में हालांकि यह नहीं बताया गया है कि ट्विटर को इन नियमों का अनुपालन कब तक करना है। बताया जा रहा है कि ट्विटर को आखिरी चेतावनी जारी करने से पहले केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद की अध्यक्षता में  संचार और कानून और न्याय  और आईटी के प्रमुख वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक बैठक 4 जून को हुई थी। यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू के पर्सनल अकाउंट से ट्विटर ने ब्लू टिक हटा दिया था। हालांकि, कुछ घंटे बाद ट्विटर ने फिर से अकाउंट को सत्यापित कर दिया और ब्लू टिक लौटा दिया। इतना ही नहीं, ट्विटर ने संघ प्रमुख मोहन भागवत के अकाउंट से भी ब्लू टिक हटा दिया है।