बीकानेर। राजस्थान में कोरोना की दूसरी लहर से चल रही जंग के बाद अब तीसरी लहर की आशंका को लेकर सरकार तैयारियों में जुट गई है और बच्चों की सुरक्षा हेतु नई गाइडलाइन जारी कर दी है। राजस्थान राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने सभी जिला कलेक्टरों को निर्देश जारी किए है। तीसरी लहर में बच्चों पर पडऩे वाले प्रभाव का पता लगाने को लेकर टीम गठित कर दी गई है। इसमें राज्य के सीनियर डॉक्टर्स को शामिल किया गया है। यह टीम तीसरी लहर की तैयारियों के लिए सुझाव भी देगी। चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रिंसिपल सेक्रेटरी अखिल अरोरा ने तीसरी लहर में बच्चों के लिए जानलेवा साबित होने की आशंका में एक्सपर्ट टीम गठित करते हुए तुरंत रिपोर्ट के निर्देश दिए हैं। इस टीम में जयपुर मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल सुधीर भंडारी, उदयपुर मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. लखन पोसवाल, जयपुर मेडिकल कॉलेज के वरिष्ठ शिशुरोग विशेषज्ञ डॉ. रामबाबू शर्मा, एसएमएस अस्पताल के पूर्व अधीक्षक डॉ. वीरेंद्र सिंह, जयपुर मेडिकल कॉलेज की सीनियर प्रोफेसर डॉ. नीलम डोगरा, ईएनटी सर्जन डॉ. सतीश जैन को शामिल किया गया है। ये टीम प्रदेश के अन्य डॉक्टर्स व अन्य विशेषज्ञों से बातचीत के बाद प्रदेश में तीसरी लहर के दौरान संसाधनों की आवश्यकता से अवगत करायेगी। तीसरी लहर में किस तरह की सावधानी बरतनी होगी और किस तरह की दवाओं की जरूरत रहेगी। इन दवाओं का प्रबंध पहले ही कर लिया जायेगा ताकि तीसरी लहर में कालाबाजारी पर रोक लग सके। यह टीम कोरोना के बाद हो रहे म्यूकोरमाइकोसिस पर भी अपनी रिपोर्ट देगी। ब्लैक फंगस के नाम से चर्चा में आई इस बीमारी से राज्य में बड़ी संख्या में लोग चपेट में आ रहे हैं।

बाल अधिकार संरक्षण ने दी गाइडलाइन्स
उधर, तीसरी लहर में बच्चों के चपेट में आने की आशंका के बीच बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने प्रदेश के सभी जिला कलक्टर्स के साथ ही बाल अधिकारिता विभाग के आयुक्त को रिपोर्ट सौंपी है। इसमें तीसरी लहर में बच्चों के चपेट में आने से पहले ही अस्पतालों में पूरी तैयारी की आवश्यकता जताई है। आयोग ने बाल कल्याण समिति, किशोर व बालिका गृह व छात्रावासों में पल्स ऑक्सीमीटर खरीदने की सिफारिश की है। इसके साथ गांवों तक बच्चों के लिए डेडिकेटेड कोविड केयर सेंटर स्थापित करने की सलाह दी है।