जयपुर। कोरोना के बढ़ते मामलों के मद्देनजर गहलोत सरकार ने अहम निर्णय लिया है। सरकार ने गणतंत्र दिवस समारोह में छात्र-छात्राओं के शामिल होने पर पाबंदी लगा दी है। सरकार ने उम्रदराज के लोगों के शामिल होने पर भी पाबंदी लगा दी है। मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने मंगलवार देर रात ये दिशा-निर्देश जारी किए। सभी जिला कलेक्टरों और संभागीय आय़ुक्तों को जारी दिशा-निर्देश में कहा गया है कि आदेशों की सख्ती से पालना कराई जाए। 26 जनवरी गणतंत्र दिवस पर सम्पूर्ण राज्य में गरिमापूर्ण कार्यक्रमों का आयोजन किया जाए। समारोह में संख्या सीमित हो। सभी जिला मुख्यालय पर प्रभारी मंत्री झंडा रोहण करेंगे। समारोह में स्कूली बच्चों के किसी भी तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित नहीं करवा जाए।
जयपुर में सीएम गहलोत करेंगे ध्वजारोहण
गणतंत्र दिवस समारोह-2022 के अवसर पर 26 जनवरी 2022 को संभागीय जिला मुख्यालयों (जयपुर के राज्य स्तरीय समारोह को छोड़कर कर ) आयोजित कार्यक्रमों में ध्वजारोहण प्रभारी मंत्री करेंगे। यदि इस अवसर पर प्रभारी मंत्री उपस्थित न हो तो ऐसी स्थिति में सम्भागीय मुख्यालय पर संभागीय आयुक्त या जिला मुख्यालय पर जिला कलेक्टर ध्वजारोहण करेंगे। संभागीय और जिला स्तर पर राष्ट्रीय पर्व को समारोह पूर्वक मनाया जायेगा। जिसमें अर्ध सैनिक बल, पुलिस की टुकडियां भाग लेगी। साथ ही सामूहिक व्यायाम प्रदर्शन और सामूहिक नृत्य देशभक्ति के गीत गाये जायें। कोरोना महामारी के मद्देनजर छात्र/छात्राओं को कार्यक्रमों में शामिल नहीं किया जायेगा। जिलों के मुख्य समारोह में राज्यपाल का संदेश पढ़ा जायेगा। कार्यक्रम में कोरोना वारियर्स, पुलिसकर्मियों, चिकित्साकर्मियों , सफाईकर्मियों , आगनबाड़ी कार्यकर्ताओं आशा सहयोगिनी को भी सीमित संख्या में आमंत्रित किया जा सकता है।
स्वतंत्रता सेनानियों को समारोह में नहीं बुलाने के निर्देश
मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने कलेक्टरों को निर्देश दिए है कि कोरोना महामारी के कारण स्वतंत्रता सेनानियों और अन्य वरिष्ठ नागरिकों को उनके स्वास्थ्य की सुरक्षा के मद्देनजर आमंत्रित नहीं किया जाये। इसके स्थान पर उन्हें शुभकामना कार्ड निवास के पते पर भेजा जाये, जिसमें कोरोना के कारण उनके स्वास्थ्य की सुरक्षा के मद्देनजर आमंत्रित नहीं किये जाने का उल्लेख हो। छात्र-छात्राओं को कार्यक्रम में शामिल नहीं किया जाए। अखिल भारतीय सेवाओं के सेवानिवृत्त अधिकारियों और अन्य सेवानिवृत्त अधिकारियों को आमंत्रित किया जाये साथ ही उनके उचित सम्मान के साथ बैठाने की व्यवस्था की जाये। यह व्यवस्था ऐसी हो कि जिससे आमंत्रिमण को यह महसूस हो कि उन्हें उचित सम्मान दिया गया है। साहित्य कला एवं संस्कृति के क्षेत्र में कार्य करने वाले सुप्रतिष्ठित व्यक्तियों को भी आमंत्रित किया जाये।