बीकानेर। एक ओर राज्य सरकार ने कोरोना वायरस को लेकर गंभीर है और इसका प्रभाव प्रदेश में न हो इसके लिये स्कूलों,कोचिंग संस्थाओं,सिनेमाघरों में तीस मार्च तक छुट्टियों का ऐलान कर दिया है। वहीं दूसरी ओर रेयान,बाफना सहित सीबीएसई-आरबीएसई के निजी स्कूल विभागीय गाईड लाईन न मिलने का बहाना बनाकर धड़ल्ले से स्कूल संचालित कर रहे है। उन्हें विद्यार्थियों की जान से ज्यादा अपनी स्कूल की प्रतिष्ठा की चिंता है। हालात ये है कि ये निजी स्कूल अपने यहां परीक्षाओं की आड़ में बच्चों की जान से खेलने को आतुर है। इससे ऐसा प्रतीत हो रहा है कि इन स्कूलों को न तो विभाग का भय है और न ही सरकार का। जिसके चलते इन स्कूलों ने शनिवार को परीक्षाएं आयोजित कर व कक्षाएं लगाकर एक बार सरकारी आदेशों को आईना दिखा दिया है।
आदेशों को बनाया बहाना
मजे की बात ये है कि पूरा देश इस वायरस को लेकर गंभीर है। लेकिन ये स्कूलें सरकार के लिखित आदेशों को ज्यादा महत्व दे रही है और इसी की आड़ में अनेक निजी स्कूलों ने शनिवार को स्कूलों क ा संचालन किया। बताया जा रहा है कि ये स्कूलें पूर्व में भी सरकारी आदेशों को धता बता चुकी है।
शिक्षा निदेशक भी दे रहे है आदेशों की दुहाई
मंजर ये है कि जब हमारे रिपोर्टर ने उनसे इस कन्फ्यूजन की स्थिति के बारे में जबाब जानना चाहा तो उन्होंने भी आदेशों की दुहाई देते हुए कहा कि विभाग अब आदेश जारी कर रहा है। जबकि सोशल मीडिया व शिक्षा विभाग कार्मिकों व अधिकारियों के बने गु्रपों में अलग अलग मैसेज वायरल हो रहे है। इस मैसेज के कारण भ्रम की स्थिति पैदा तो हुई ही है। साथ ही सरकार के आदेशों को हवा करने वाली निजी स्कूलों को वाकओवर देने के हालात भी बन गये। अब चर्चाएं ऐसी होने लगी है कि शिक्षा अधिकारी आदेशों की आड़ में धनाढ्य स्कूलों का बचाव तो नहीं कर रहे है।
ये स्कूलें हो रही है संचालित
सरकार व शिक्षा विभाग के आदेशों की आड़ में कई निजी स्कूलें संचालित हो गई। इनमें तोलाराम बाफना,रेयान,जैन पब्लिक सहित कई इन्ट्ीटयूट भी शामिल है। हालांकि ओर भी कई स्कूलों का संचालन हुआ है,किन्तु उन्होनें चंद ही घंटों में स्कूल की छुट्टी कर दी। जब इन स्कूल संचालकों से पूछा गया तो इन्होंने भी परीक्षा व आदेशों का बहाना बनाया।
सोशल मीडिया पर हो रहे मैसेज हो वायरल,मचा हडकंप
जिंदगी से महत्वपूर्ण कुछ नहीं
कोई भी स्कूल में शिक्षक,विद्यार्थी को विद्यालय के लिए बाध्य नहीं किया जाएगा।
30 मार्च तक विद्यालय में सभी कार्मिकों और बच्चों का अवकाश रहेगा। कोई संस्था लापरवाही क रती है त्वरित प्रभाव से मान्यता रद्द होगी। किसी की जिंदगी से न खेले कोरोना का कोई इलाज नही है। बचाव ही उपचार है। कोई भी विद्यालय सरकारी,निजी में बोर्ड के अतिरिक्त किसी भी विद्यार्थी क ो प्रवेश न दे सिर्फ परीक्षा केंद्र पर ही प्रवेश होगा। किसी भी निजी विद्यालय कर्मचारी की तनख्वाह काटने पर विद्यालय प्रबंधन से बिना कारण पूछे स्थायी तौर पर मान्यता रद्द की जाएगी। आओ हम लड़े कोरोना से राज्य सरकार के आदेश के विरुद्ध कोई विद्यालय खुला मिले तो त्वरित मुझे सूचित कर क ोरोना के खिलाफ मुहिम में सहयोग दें।
निवेदक
सौरभ स्वामी
शिक्षा निदेशक
दूरभाष-8792768494
नोट- 24 घण्टे आप मुझे सूचना दे सकते हो।
सोशल मीडिया पर निदेशक महोदय के हवाले से प्रसारित किया जा रहा कोरोना वायरस के सम्बंध में शिक्षकों एवं छात्रों की छुट्टी सम्बन्धी मैसेज निदेशक महोदय द्वारा नहीं भेजा गया है। इस सम्बंध में सूचना एवं जनसंपर्क विभाग की वेबसाइट पर जारी प्रेस नोट एवं शासन के निर्देशानुरूप आधिकारिक आदेश शीघ्र जारी किए जाएंगे, अत: आधिकारिक आदेश की प्रतीक्षा करें। मैसेज में निदेशक महोदय के मोबाइल नम्बर को प्रसारित करके 24 घण्टे फोन करने का संदेश दिया जाना भी अत्यंत आपत्तिजनक है। न तो 24 घण्टे विद्यालय खुलते हैं और न ही निदेशक महोदय के मोबाइल पर दिन रात मैसेज किया जाना (अत्यावश्यक और अपरिहार्य कारणों के अतिरिक्त) उनके लिए निजी तौर पर सुविधाजनक है।भ्रामक एवं फेक सन्देश को ग्रुप्स में फॉरवर्ड न करें। गलत संदेश फैलाने वाले शरारती तत्त्वों के विरुद्ध कानूनी कार्यवाही की जा रही है।
डॉ. रोहताश
स्टाफ ऑफिसर
माध्यमिक शिक्षा राजस्थान
बीकानेर
जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक शिक्षा श्री उमाशंकर जी किराडू से अभी अभी मोबाइल पर वार्ता की। उनके अनुसार बोर्ड परीक्षाओं के अलावा सभी परीक्षाएं जिला समान परीक्षा के दौरान ही ली जा सकती है। अपने मनमर्जी से परीक्षाएं लेना वैसे भी गलत ही है और चूंकि अब मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणा में भी स्पष्ट किया गया है कि बोर्ड परीक्षाएं और कॉलेज परीक्षाएं यथावत रहेंगी। अन्य परीक्षाएं या गतिविधियों का आयोजन 30 मार्च 2020 तक प्रतिबंधित है। इसलिए डीईओ माध्यमिक शिक्षा एवं मुख्यमंत्री राज्य सरकार के निर्देशानुसार बोर्ड परीक्षाएं ही 30 मार्च 2020 तक ली जा सकती है। अन्य परीक्षाएं या शिक्षण कार्य नहीं हो सकता है।