कोरोना से जान गंवाने वालों के आश्रितों के लिए राजस्थान सरकार नई योजना लेकर आ रही है। जिन परिवारों के कमाने वाले सदस्य की कोरोना से मौत हुई है, उनके लिए गहलोत सरकार ने सोशल सिक्योरिटी स्कीम लाने का फैसला किया है। इस सोशल सिक्योरिटी पॉलिसी का खाका तैयार किया जा रहा है। मृतक आश्रितों के लिए सोशल सिक्योरिटी पॉलिसी पर मंत्रिपरिषद की बैठक में चर्चा हो चुकी है। इसके बाद मुख्यमंत्री ने पॉलिसी लाने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आश्रितों के लिए सोशल सिक्योरिटी नीति लाने के लिए विभागों को टास्क दे दिया है।

सोशल सिक्योरिटी पॉलिसी के तहत घर के कमाऊ सदस्य की मौत होने और बच्चों के अनाथ होने की स्थिति में उस परिवार की मदद की जाएगी। कई विभाग मिलकर इस नीति को तैयार करेंगे, जिसमें अलग अलग विभागों की योजनाओं और कार्यक्रमोंं को मिलाकर प्रभावित परिवारों को सहायता दी जाएगी। सामाजिक न्याय व अधिकारिता विभाग सहित सभी संबंधित विभाग मिलकर नई योजना का खाका तैयार करेंगे। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, कोरोना से प्रदेश में अब तक 7500 मौतें हो चुकी हैं। हालांकि, बताया जा रहा है कि हकीकत में यह आंकड़ा इससे कहीं ज्यादा है।

पालनहार योजना का लाभ
कोरोना मृतकों के 18 साल से कम उम्र तक के बच्चे को पालनहार योजना का लाभ दिया जाएगा। पालनहार योजना में 5 साल तक के बच्चों को हर माह 500 रुपए की सहायता देने का प्रावधान है। इसके बाद स्कूल जाने पर बच्चों को 18 साल तक की उम्र तक हर माह 1000 रुपए देने का प्रावधान है।
सर्वे शुरू
पालनहार योजना का लाभ देने के लिए सरकार ने कोरोना से मरने वालों के परिवारों का सर्वे शुरू करवा दिया है। सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग ने सर्वे कराकर उनके पालनहार योजना के आवेदन तैयार करने के लिए जिलों को टास्क दिया है। आवेदन आने के एक महीने के भीतर सहायता राशि का भुगतान शुरू करने की डेडलाइन भी तय कर दी है।
सोशल सिक्योरिटी पॉलिसी भी
कोरोना के कारण घर का कमाऊ सदस्य की मौत होने या माता-पिता दोनों की मौत होने पर सरकार सोशल सिक्योरिटी पॉलिसी बना रही है। इस पॉलिसी में मृतक के आश्रित परिवार के जीवनयापन में सरकार मदद करेगी। मृतक के परिवार को सस्ता राशन, विधवा पेंशन, बच्चों को पालनहार योजना के तहत हर महीने पैसा देने सहित व्यक्तिगत लाभ की योजनाओं का पैकेज देने पर काम चल रहा है।