जयपुर। पूर्व उपराष्ट्रपति स्वर्गीय भैरों सिंह शेखावत के दत्तक पुत्र विक्रमादित्य सिंह शेखावत को राजस्थान सरकार के जनरल ऐडमिनिस्ट्रेशन डिपार्टमेंट (जीएडी) की ओर से 54 लाख रुपये का नोटिस भेजा गया है। यह नोटिस शहर के पॉश इलाके सिविल लाइंस में उन्हें मिले सरकारी बंगले को लेकर भेजा गया है। विक्रमादित्य सिंह बीजेपी विधायक नरपत सिंह रजवी और भैरों सिंह शेखावत की बेटी रतन कंवर के बेटे हैं। जीएडी चाहती है कि विक्रमादित्य सिंह वह सरकारी बंगला खाली कर दें तो शेखावत को उपराष्ट्रपति रहते हुए मिला था।
विक्रमादित्य को भेजे गए नोटिस में लिखा है कि अतिरिक्त जिला न्यायाधीश ने 7 अक्टूबर 2019 को यह निर्देश दिया था कि वह 15 दिनों के अंदर बंगला खाली कर दें, जिसको विक्रमादित्य ने स्थानीय अदालत में चुनौती दी थी। विक्रमादित्य की अपील को 16 नवंबर 2019 को कोर्ट ने खारिज कर दिया था। अब जीएडी के नोटिस में विक्रमादित्य से बंगले के किराए के तौर पर 54 लाख 30 हजार रुपये जमा करवाने को कहा गया है। यह किराया नवंबर 2019 से जोड़ा गया है और प्रति दिन के हिसाब से विक्रमादित्य को 10 हजार रुपये चुकाने हैं।
नरपत सिंह रजवी ने कहा है कि वे 54 लाख के नोटिस को कोर्ट में चुनौती देंगे। उन्होंने कहा, ‘विक्रमादित्य सिंह की तरफ से किराया दिए जाने के बावजूद हाई कोर्ट में केस चल रहा है।’ हालांकि, उन्होंने यह बंगला विक्रमादित्य को नहीं दिया जा सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि प्रति दिन 10000 रुपये के किराए का भुगतान विक्रमादित्य पर लागू नहीं होता क्योंकि वह मंत्री या पूर्व मंत्री नहीं हैं। साल 2010 में भैंरो सिंह शेखावत की मृत्यु होने पर भारत सरकार की 18 जून, 2010 की अनुशंसा के आधार पर उनकी पत्नी सुरज कंवर को यह आवास पेंशन ऐक्ट के तहत दिया गया था। लेकिन साल, 2014 में उनकी पत्नी का भी देहांत हो गया। इसके बाद उनके दत्तक पुत्र विक्रमादित्य सिंह उसमें रहते रहे।