बीकानेर। वेटरनरी विश्वविद्यालय के पशु आपदा प्रबन्धन तकनीक केन्द्र एवं कृषि प्रोद्यौगिकी प्रबन्धन अभिकरण (आत्मा) कृषि विभाग, नागौर के संयुक्त तत्वावधान में दुग्ध उत्पादन व पशु प्रबंधन तकनीक विषय पर पांच दिवसीय कृषक प्रशिक्षण सम्पन्न हुआ। प्रशिक्षण में नागौर जिले के 30 पशुपालक व किसानों ने भाग लिया। केन्द्र के मुख्य अन्वेषक प्रो. प्रवीण बिश्नोई ने बताया 3 से 7 जनवरी तक चले प्रशिक्षण शिविर में प्रशिक्षणार्थियों को विभिन्न सत्रों में दुग्ध उत्पादन व पशु प्रबंधन विषय पर विशेषज्ञों ने व्याख्यान प्रस्तुत किये। इस प्रशिक्षण में प्रो. प्रवीण बिश्नोई ने पशु व्यवहार पर आपदाओं का प्रभाव, डॉ. एस.के. झीरवाल ने पशु में नेत्र रोगों का बचाव एवं उपचार, डॉ. सोहेल मोहम्मद ने जलवायु परिवर्तन का पशु स्वास्थ्य पर प्रभाव तथा शैलेन्द्र सिंह ने पशुपालन में आपदा प्रबन्धन का महत्व विषयों पर व्याख्यान दिये। प्रशिक्षणार्थियों को विश्वविद्यालय के कुक्कुटशाला, डेयरी, पशु अनुसंधान केन्द्र, कोड़मदेसर, राष्ट्रीय उष्ट्र अनुंसधान केन्द्र एवं राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केन्द्रों का भ्रमण करवाकर विभिन्न तकनीक एवं प्रायोगिक कार्यों से अवगत करवाया गया। प्रशिक्षण में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले पशुपालकों को पुरस्कार प्रदान किये गये एवं सभी प्रशिक्षणार्थियों को प्रमाण-पत्र प्रदान किए गये। इस अवसर पर श्रवण कुमार चौहान कृषि पर्यवेक्षक, आत्मा कृषि विभाग, नागौर मौजूद रहे।