वर्ष, 2004,2014, 2015, 2017 व 2023 में हुआ था उलट फेर
कभी-कभी दोनों में निकल जाता है बड़ा अंतर

देवेन्द्रवाणी न्यूज़, बीकानेर। अब कुछ देर बाद ही टीवी चैनल्स पर एग्जिट पोल के नतीजे आने लगेंगे। आज एक जून को सबकी नजर एग्जिट पोल के नतीजों पर टिकी है। वैसे तो सोशल मीडिया पर सुबह से ही यूर्जस अपने अनुमान बता रहे हैं, लेकिन टीवी चैनल्स पर एग्जिट पोल चुनाव आयोग जैसे ही वोटिंग फीसदी जारी कर देगा, उसके बाद ही एग्जिट पोल दिखाने लगेंगे। लेकिन एग्जिट पोल एक नहीं छह बार फेल साबित हो चुके हैं।
इन एग्जिट पोल के जरिए नतीजों का थोड़ा अनुमान लगाया जा सकता है, हालांकि एग्जिट पोल के आंकड़े कभी सही तो कभी गलत साबित होते रहे हैं। बस ये अनुमान लग जाता है कि कौन सी पार्टी जीत रही है। किसको कितनी सीटें मिल रही हैं। कई बार एग्जिट पोल के नतीजे और मतगणना रिजल्ट काफी हद तक एक जैसे होते हैं। वहीं कभी-कभी दोनों में बड़ा अंतर या फिर बिल्कुल विपरीत ही निकल जाते हैं। यही वजह है कि एग्जिट पोल पर कई लोग पूरी तरह से विश्वास नहीं कर पाते।
वर्ष, 2004 में अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में जीत से उत्साहित होकर ‘इंडिया शाइनिंग’ के नारे के साथ जल्द चुनाव कराने का आह्वान किया था। एग्जिट पोल ने भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए को 240 से 275 सीटों की बढ़त दी, लेकिन वास्तविक परिणाम चौंकाने वाले थे। एनडीए को केवल 187 सीटें मिलीं, जबकि कांग्रेस और उसके सहयोगियों ने अनुमानों के विपरीत 216 सीटें जीतीं।

वर्ष, 2014 लोकसभा चुनाव एग्जिट पोल
वर्ष, 2014 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस इस तरह हारेगी किसी को उम्मीद नहीं थी, एग्जिट पोल ने बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए की जीत की भविष्यवाणी की थी, लेकिन बहुमत नहीं मिलेगा, ऐसा बताया था। अधिकांश एग्जिट पोल ने एनडीए की सीटों को 261 से 289 के बीच अनुमानित किया था, फिर भी वास्तविक परिणाम उम्मीदों से अधिक थे। एनडीए ने 336 सीटें हासिल कीं, जिसमें अकेले बीजेपी ने बहुमत का आंकड़ा पार किया था। जबकि कांग्रेस को केवल 44 सीटों के साथ ऐतिहासिक हार का सामना करना पड़ा था।

साल, 2015 बिहार विधानसभा चुनाव एग्जिट पोल
साल, 2015 बिहार विधानसभा चुनाव में कड़ी टक्कर देखने को मिली थी, जिसमें मतदाताओं ने खूब वोट किया था। एग्जिट पोल ने स्पष्ट बहुमत न मिलने के साथ कड़ी टक्कर का संकेत दिया था। हालांकि, वास्तविक नतीजों में राजद-जदयू-कांग्रेस गठबंधन की निर्णायक जीत दिखाई गई, जिसमें राजद सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। यह परिणाम एग्जिट पोल की तरफ से बताए गए आंकड़े से काफी अलग था।

वर्ष, 2015 दिल्ली विधानसभा चुनाव एग्जिट पोल
साल, 2015 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में एग्जिट पोल ने आम आदमी पार्टी को बहुमत मिलने की भविष्यवाणी की थी, सभी एग्जिट पोल आप पार्टी को अधिकतम 50 सीटें दे रहे थे लेकिन जब चुनाव परिणाम आया तो हर किसी को यकीन ही नहीं हुआ। आप ने 70 में से 67 सीटें जीतीं। ये उदाहरण एग्जिट पोल की अप्रत्याशितता को उजागर करते हैं।

वर्ष, 2017 यूपी विधानसभा चुनाव एग्जिट पोल
नोटबंदी के बाद उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में एग्जिट पोल ने त्रिशंकु विधानसभा की भविष्यवाणी की थी, जिसमें भाजपा सबसे बड़ी पार्टी थी। इन पूर्वानुमानों के विपरीत भाजपा ने 325 सीटों पर जीत दर्ज की, जो एग्जिट पोल के बिल्कुल विपरीत है, जिसमें काफी कम सीटों का अनुमान लगाया गया था।
वर्ष, 2023 छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव एग्जिट पोल
एग्जिट पोल का सबसे बड़ा उलटफेर छत्तीसगढ़ में हुआ। साल, 2023 में हर कोई आदमी यही कहते हुए दिख रहा था कि बीजेपी तो नहीं आएगी, लेकिन हुआ उल्टा। एग्जिट पोल ने तो आदिवासी राज्य में कांग्रेस की आसान जीत की भविष्यवाणी की थी लेकिन भाजपा ने 50 से अधिक सीटें हासिल कीं।ते हैं।