देवेन्द्र वाणी न्यूज़ बीकानेर। राजस्थान में अरबों रुपये जनता की कड़ी मेहनत से कमाए हुवे पैसे उनकी स्वयं की सामान्य गलती के चलते कॉपरेटिव संस्थाओ के नाम से बने बैंको ने डकार लिये। कई कॉपरेटिव संस्थाओ के मामले उजागर हुवे इसके बाद गहलोत सरकार की तत्परता से ऐसे लगने लगा कि जनता की कमाई कभी भी उनको वापिस मिल सकती है पर इस घटनाक्रम में मुख्यमंत्री के ओएसडी की शुरुवाती सक्रियता धीरे धीरे ढीली पड़ती गई और मामला ठंडे बस्ते में चला गया। किसी भी कॉपरेटिव बैंको के संस्थापको के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं हुई है। आज वही ओएसडी राजस्थान में बहुचर्चित फ़ोन टेपिंग प्रकरण में उलझकर रह गए है। फ़ोन टेपिंग के इस मामले को लेकर दिल्ली क्राइम ब्रांच ने ओएसडी लोकेश शर्मा को दिल्ली तलब किया है। इस बार निर्धारित तारीख पर उपस्थित नहीं हुवे तो इस पर गिरफ्तारी होने की सम्भावना है। दिल्ली क्राइम ब्रांच ने गत 24 जुलाई को पेश होने को कहा था पर शर्मा उपस्थित नहीं हुवे तत्पश्चात 22 अक्टुम्बर को फिर उपस्थित होने को कहा गया पर फिर भी शर्मा ने अपने रवैये में कोई परिवर्तन न कर उपस्थित नहीं हुवे। इस पर क्राइम ब्रांच ने अपने आप सख्त करते हुवे नोटिस की धारा में बदलाव कर 12 नवम्बर को पेश होने के लिए तलब किया है। इस बार क्राइम ब्रांच ने सीएम ओएसडी को भेजे नोटिस में कहा है कि पेश नहीं होने और नोटिस की शर्तो का पालन नहीं करने पर गिरफ्तारी होगी। यह ओएसडी कांग्रेस के अंदरूनी मामलो में भी उलझा हुवा है। अब इन उलझन भरी कार्यशैली से कब मुक्त हो पाएंगे।