राज्य सरकार की ओर से प्रतियोगी परीक्षाओं के दौरान अभ्यर्थियों को मुफ्त यात्रा कराने का भार रोडवेज कर्मियों पर पड़ रहा है।

बीकानेर. राज्य सरकार की ओर से प्रतियोगी परीक्षाओं के दौरान अभ्यर्थियों को मुफ्त यात्रा कराने का भार रोडवेज कर्मियों पर पड़ रहा है। इससे राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम के हजारों कार्मिकों को मई का वेतन नहीं मिला है। रोडवेज के पास फंड नहीं होने से वह नि:शुल्क यात्रा की पुनर्भरण राशि का इंतजार कर रहा है। गौरतलब है कि प्रदेशभर में रोडवेज के 12 हजार 872 कर्मचारी हैं। रोडवेज कर्मचारियों को मई का वेतन अब तक नहीं मिला है। जून भी पूरा होने से दो महीने का वेतन बकाया हो रहा है। कर्मचारियों ने बताया कि सरकार की ओर से प्रतियोगी परीक्षा के परीक्षार्थियों को नि:शुल्क यात्रा कराई जा रही है। रोडवेज को प्रतिदिन डीजल बाजार से नकद खरीदना पड़ रहा है। नि:शुल्क यात्राओं की राशि का पुनर्भरण सरकार करती है लेकिन इसमें देरी का खामियाजा कर्मचारी को भुगतान पड़ रहा है। मई में दस से अधिक दिन तक रोडवेज ने नि:शुल्क बसें चलाईं। इससे रोडवेज को रोजाना ढाई से तीन करोड़ रुपए डीजल पर खर्च करना पड़ा। सरकार से किराया का पुनर्भरण नहीं होने से अब रोडवेज की हालत खराब हो गई है। राजस्थान स्टेट रोडवेज एम्प्लाइज यूनियन बीकानेर के अध्यक्ष मदन गोपाल बिश्नोई का कहना है कि रोडवेज एक निगम है। विभिन्न श्रेणी में यात्रा को फ्री कर रखा है। वृद्धों व महिलाओं को किराया में 30 प्रतिशत छूट देते हैं। अब प्रतियोगी परीक्षाओं के दौरान परीक्षार्थियों को भी नि:शुल्क यात्रा करानी शुरू कर रखी है। केन्द्र सरकार ने डीजल पर सब्सिडी खत्म कर दी है। डीजल बाजार भाव से नकद देकर भरवाना पड़ता है। सरकार तुरंत भुगतान करे। कर्मचारियों को मई का वेतन नहीं मिला है। नि:शुल्क यात्रा संबंधी बिल बनाकर पुनर्भरण राशि के लिए भेजे हैं, जिन्हें सरकार ने स्वीकृत कर दिए हैं। जल्द ही सरकार से राशि मिलने के साथ ही वेतन जारी कर दिया जाएगा। कर्मचारियों के वेतन के संबंध में राजस्थान परिवहन आधारभूत विकास निधि की राशि के प्रकरणों को लेकर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में कमेटी बनी है।

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