श्रीडूंगरगढ़ । नेशनल हाइवे पर होटलों के आगे हुए कब्जों को हटाया जा रहा है। सर्किल से जयपुर और बीकानेर दोनों तरफ हुए कब्जों को हटाने के लिए खुद संभागीय आयुक्त नीरज के. पवन मौके पर पहुंच गए हैं। करीब एक किलोमीटर एरिया में हुए कब्जों को हटाने के बाद दुर्घटनाओं में कमी आने की उम्मीद की जा रही है।कस्बे में नेशनल हाइवे और सर्विस लाइन पर बढ़ रहे अवैध अतिक्रमण और बेतरतीब खड़े निजी वाहनों के लिए भी स्थान तय किया जा रहा है। यातायात नियमों की पालना नहीं करने वाले वाहन चालकों के खिलाफ भी कार्रवाई की जा रही है। घुमचक्कर से पूर्व और पश्चिम दोनों दिशाओं में कुल चार किलोमीटर तक कुल 60 मीटर की चौड़ाई की जा रही है। संभागीय आयुक्त नीरज के. पवन ने लगभग सवा घण्टे तक पैदल चलकर श्रीडूंगरगढ़ हाइवे के दोनों ओर बनी दुकानों का अवलोकन किया। दुकानदारों, ठेला चलाने वालों को तुरंत कब्जे हटाने का समय दिया गया। इसके बाद अधिकांश ने अपना सामान हटा लिया। इस दौरान उपखण्ड अधिकारी डॉ. दिव्या चौधरी, तहसीलदार राजवीर, एनएचएआई कार्मिक, नगरपालिका कार्मिक और पुलिस जाब्ता भी मौजूद रहा। पालिका कार्मिकों ने जेसीबी चलाकर अवैध अतिक्रमण के खिलाफ कार्यवाही शुरू कर दी।
हाइवे से तोड़फोड़ की तो कार्रवाई
संभागीय आयुक्त नीरज के. पवन ने श्रीडूंगरगढ़ में बढ़ रही दुर्घटनाओं पर गौर करते हुए हाइवे के डिवाइडर और दोनों तरफ के बेरिकेट्स में अवैध रूप से लगे हुए कट्स को तुरन्त प्रभाव से बंद करने के निर्देश दिए। इसके साथ ही कहा कि जो व्यक्ति, संस्थान इन बंद किये जाने वाले कट्स में बाधा पैदा करेगा या वापस कट्स लगाएगा उसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता के तहत मामला दर्ज किया जाएगा।
केंद्रीय बस स्टैंड में रुकेगी बसें, होगा कायापलट
कस्बे में बंद पड़े केंद्रीय बस स्टैंड की अब कायापलट होने वाली है। संभागीय आयुक्त पवन ने एसडीएम दिव्या चौधरी, सीओ दिनेशकुमार के साथ इसका निरीक्षण करने के बाद बसों को से संचालित करने के निर्देश दिए। अब पालिका कार्मिक सफाई में जुट गए।
190 दुकानें, होटल, वाणिज्यिक भवन टूटेंगे,
हाइवे के दोनों और बनी 190 अवैध छोटी-बड़ी दुकानों और होटल आदि में तोड़फोड़ हो सकती है। इसके लिए दुकानों को चिन्हित कर लिया गया है। इन दुकानदारों को स्वयं ही कब्जा हटाने का समय दिया गया है ताकि कम से कम नुकसान हो।
रोज आती है सैकड़ों बसें
श्रीडूंगरगढ़ घुमचक्कर पर रोजाना 350 से ज्यादा बसें आती है जबकि 5000 से ज्यादा निजी चार पहिया वाहनों का आवागमन और ठहराव रहता है। वहीं यहां बनी दुकानों पर बड़ी संख्या में लोग काम करते हैं, जिनसे उनका घर भी चलता है। स्ट्रीट वेंडर्स को हटाने के बाद समुचित स्थान देना भी प्रशासन के लिए चुनौती है।