bikaner, आर्थिक विश्लेषक और लेखक प्रोफेसर डॉ. अजय जोशी ने आम बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि रोजगार की दृष्टि से यह बजट बेहद निराशाजनक है।कोरोना काल का सर्वाधिक प्रभाव रोजगार पर ही पड़ा था।इसके बाद भी बेरोजगारी तेजी से बढ़ी है। बेरोजारी के साथ साथ महंगाई तेजी से बढ़ी है। इन दोनों समस्याओं से युवा वर्ग ही सबसे अधिक प्रभावित हुआ। बताया जाता है कि देश में बेरोगारों की संख्या बारह करोड़ है लेकिन वास्तविक संख्या इससे कहीं ज्यादा है।इस बजट में  60 लाख नोकरियाँ देने की घोषणा की गयी है। यह संख्या बेरोजगार युवाओं की बड़ी संख्या के सामने ऊंट के मुहँ में जीरे के समान है।युवा भारत के इस बजट में युवाओं के लिए रोजगार सृजन  हेतु न कोई दिशा है न ही दृष्टि।