बीकानेर।
रमक झमक स्थित भैरव दरबार में तीन दिवसीय भैरव जन्मोत्सव (भैरव अष्टमी महोत्सव) का आयोजन उत्साह और श्रद्धा के साथ जारी है। दूसरे दिन का कार्यक्रम भक्तों के उल्लास से भरपूर रहा। भैरवनाथ का 1000 नामों से पूजन हुआ, जिसमें बादाम, काजू, किसमिस, मोदक, इमरती और मिश्री जैसे मिष्ठानों का उपयोग किया गया।

भजनों से भक्तिमय हुआ वातावरण
गायक लक्ष्मण पारीक ने “भैरुंनाथ रा घूघरिया सियाणे बाजे” और श्रीमती रामकंवरी ओझा ने “भैरुं मतवाला हो भैरुं मतवाला” जैसे भजनों से माहौल को भक्तिमय बनाया। श्रद्धालुओं ने भैरव भक्त छोटू द्वारा रचित “भैरुं बाबा तुम्बड़ी भरदो” गाया। समूह भजन के दौरान भैरवनाथ के भक्तों ने उल्लास के साथ टेर भरी, जिससे पूरे आयोजन में उमंग भर गया।

दीपमाला और संदेश
शाम को तिल के तेल से दीपमाला की गई। योगी विलासनाथ महाराज ने भैरवनाथ के जन्मोत्सव को शुभ कार्यों के आगमन का प्रतीक बताया। शनिवार को गुलाब पुष्पों द्वारा अर्चन और भैरव महायज्ञ का आयोजन होगा, जिसमें रुद्र सूक्त और शतनाम मंत्रों से आहुतियां दी जाएंगी।

भैरव जन्मोत्सव
यह आयोजन भक्ति और सामाजिक समर्पण का अद्भुत उदाहरण बन रहा है, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु हिस्सा ले रहे हैं।