उदयपुर। देश प्रसिद्ध कृष्ण तीर्थ एवं पुष्टीमार्गीय वल्लभ संप्रदाय की सबसे बड़ी पीठ श्रीनाथजी में दर्शनार्थी एक अक्टूबर से ही दर्शन कर पाएंगे। एडवांस बुकिंग के लिए अहदाबाद की कंपनी से सॉफ्टवेयर तैयार कराया जा रहा है। इसी तरह चारभुजाजी तथा कांकरोली स्थित द्वारिकाधीश मंदिरों के पट भी दर्शनार्थियों के लिए एक अक्टूबर से ही खुलेंगे।
राज्य सरकार के निर्देश पर जहां मंदिरों के पट सात सितम्बर से खोले जा रहे हैं, वहीं मेवाड के प्रसिद्ध कृष्णधामों में शुमार नाथद्वारा स्थित श्रीनाथजी मंदिर, चारभुजाजी तथा कांकरोली स्थित द्वारिकाधीश मंदिर दर्शनार्थियों को खोलने के लिए राज्य सरकार ने जिला कलक्टर अरविन्द कुमार पोसवाल के निर्देश पर कमेटी बनाई थी। इस कमेटी ने तीनों ही मंदिरों का दौरा कर उन्हें दर्शनार्थियों के लिए खोले जाने को लेकर समीक्षा की। जिसके बाद तय किया गया है कि अभी सात सितम्बर की बजाय इन मंदिरों को दर्शनार्थियों के लिए एक अक्टूबर से ही खोला जाना सुरक्षित रहेगा। दर्शन के लिए एडवांस बुकिंग करनी होगी। इसके लिए अहमदाबाद की उस कंपनी से सॉफ्टवेयर तैयार कराया जा रहा है, जिसने रेलवे में एडवांस बुकिंग के लिए सॉफ्टवेयर तैयार किया है। आगे राज्य सरकार की गाइड लाइन के अनुसार मंदिर में दर्शनार्थियों को प्रवेश मिलेगा।
सात की जगह तीन बार में दो हजार लोग कर पाएंगे दर्शन
श्रीनाथजी मंदिर में आमतौर पर सात तथा विशेष महोत्सवों के दौरान आठ दर्शन प्रतिदिन होते हैं। एक अक्टूबर से मंदिर में प्रतिदिन तीन ही दर्शन होंगे। इनमें सुबह मंगला, राजभोग तथा शाम को आरती के दर्शन शामिल हैं। ऑनलाइन बुकिंग के साथ ही ऑफलाइन बुकिंग की भी व्यवस्था की गई है। प्रति दर्शन छह सौ बुकिंग ऑनलाइन जबकि तीनों दर्शनों में दो सौ बुकिंग ऑफलाइन की जा सकेंगी। ऑफलाइन बुकिंग के लिए न्यू कॉटेज तथा वल्लभविलास में काउंटर लगाए जाएंगे।
महिला और पुरुष दर्शनार्थियों के लिए अलग-अलग जगह से प्रवेश व्यवस्था
मंदिर मंडल के सीईओ जितेंद्र ओझा का कहना है कि महिलाओं और पुरुषों के लिए दो-दो लाइन में दर्शन की व्यवस्था की जा रही है। इसके लिए स्टील की रैलिंग लगवा दी गई हैं। लगाए गए गोल घेरे पर खडे होकर ही हर लाइन में एक-एक व्यक्ति दर्शन की सुविधा मिलेगी। महिला और पुरुष दर्शनार्थियों के लिए मंदिर में अलग-अलग जगह से प्रवेश की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा एक और लाइन बनाई है, जिसमें पहले मनोरथियों को प्रवेश मिलेगा और बाद में आम आदमी के लिए प्रवेश संभव होगा।