डेंगू एक मच्छरजनित वायरल बीमारी है, जो एडीज एजिप्टी मच्छर के काटने से फैलती है। यह बीमारी मॉनसून और उसके बाद के महीनों में अधिक सक्रिय होती है। डेंगू से बचाव के लिए इसकी पहचान और सावधानी बेहद महत्वपूर्ण है।

डेंगू के लक्षण

डेंगू के लक्षण वायरस के शरीर में प्रवेश करने के 4-10 दिनों के भीतर दिखाई देते हैं। मुख्य लक्षणों में शामिल हैं:

  1. तेज बुखार: अचानक तेज बुखार, जो कई दिनों तक बना रहता है।
  2. सिरदर्द और आंखों के पीछे दर्द: सिरदर्द और आंखों के पिछले हिस्से में दर्द महसूस होता है।
  3. मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द: इसे ब्रेकबोन फीवर भी कहा जाता है क्योंकि इसमें हड्डियों और जोड़ों में बहुत तेज दर्द होता है।
  4. त्वचा पर लाल चकत्ते: त्वचा पर लाल दाने दिखाई दे सकते हैं।
  5. जी मिचलाना और उल्टी: कई मामलों में रोगी को भूख नहीं लगती और बार-बार उल्टी होती है।
  6. थकान और कमजोरी: मरीज में थकान महसूस होती है और उसे ऊर्जा की कमी होती है।
  7. प्लेटलेट्स में गिरावट: डेंगू के गंभीर मामलों में प्लेटलेट्स की संख्या तेजी से कम हो जाती है, जिससे रक्तस्राव का खतरा बढ़ जाता है।

डेंगू के बचाव के उपाय

डेंगू से बचने के लिए मच्छरों के प्रजनन को रोकने और व्यक्तिगत सावधानियों का पालन करना अनिवार्य है।

  1. मच्छरों के काटने से बचें:
    • घर और कार्यस्थल पर मच्छरदानी का उपयोग करें।
    • मच्छर भगाने वाली क्रीम या स्प्रे लगाएं।
    • लंबी बाजू के कपड़े और पूरी पैंट पहनें।
  2. पानी जमा होने से बचें:
    • घर के आसपास पानी जमा न होने दें।
    • कूलर, फूलदान, टायर, और गमलों का पानी नियमित रूप से बदलें।
  3. घर और आसपास सफाई रखें:
    • कचरा समय पर हटाएं।
    • नालियों और पानी की टंकियों को साफ रखें।
  4. कीटनाशक का उपयोग करें:
    • मच्छरों के प्रजनन स्थलों पर कीटनाशक का छिड़काव करें।
    • खिड़कियों और दरवाजों पर मच्छरदानी लगवाएं।
  5. डेंगू की पहचान होते ही डॉक्टर से संपर्क करें:
    • बुखार या अन्य लक्षण दिखने पर तुरंत जांच कराएं।
    • समय पर इलाज शुरू कराना बहुत जरूरी है।

डेंगू के गंभीर प्रभाव

डेंगू के कुछ गंभीर मामलों में डेंगू हेमोरेजिक फीवर (DHF) या डेंगू शॉक सिंड्रोम (DSS) हो सकता है। यह जीवन के लिए खतरा बन सकता है। लक्षणों में रक्तस्राव, सांस लेने में कठिनाई, और अंगों के कार्य में गड़बड़ी शामिल है।

डेंगू का उपचार

डेंगू का कोई विशेष एंटीवायरल इलाज नहीं है, लेकिन सही देखभाल और उपचार से मरीज को ठीक किया जा सकता है।

  • मरीज को अधिक से अधिक तरल पदार्थ दें।
  • बुखार के लिए पेरासिटामोल का उपयोग करें।
  • प्लेटलेट्स और रक्तस्राव पर डॉक्टर की निगरानी रखें।

समाज की भूमिका

  • सामुदायिक स्तर पर सफाई अभियान और जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएं।
  • स्कूलों और कॉलेजों में डेंगू के प्रति जागरूकता फैलानी चाहिए।

निष्कर्ष

डेंगू एक गंभीर लेकिन रोकथाम योग्य बीमारी है। मच्छरों की रोकथाम और स्वास्थ्य संबंधी आदतों का पालन करके इसे फैलने से रोका जा सकता है। सतर्कता और जागरूकता ही डेंगू से बचाव का सबसे बड़ा उपाय है। परिवार और समाज के स्तर पर मिलकर प्रयास करने से डेंगू के खतरे को कम किया जा सकता है।