बीकानेर पुलिस ने साइबर सेल की तत्परता के चलते करीब सवा दो लाख रुपए ठगों के बैंक खातों से वापस निकाल लिए। फ्रॉड कर निकाले गए ये रुपए तीन पीड़ितों को वापस लौटा दिए गए हैं।

केस एक, एनी डेस्क से हुई ठगी, पांच हजार रुपए निकाल थे

तीस जनवरी को जयनारायण व्यास कॉलोनी थाना क्षेत्र निवासी मोहित ने हैल्पलाइन नम्बर पर कॉल कर बताया कि मैंने गूगल पर जाकर एसबीआई के कस्टमर केयर नम्बर सर्च कर बात की तो उसने एनीडेस्क ऐप डाउनलोड करने की बात कही थी। एक लिंक भेजा। लिंक के माध्यम से उक्त ऐप डाउनलोड करने के बाद मेरे खाते से रुपए निकल गये। शिकायत मिलने के तुरंत बाद बीकानेर पुलिस की साइबर सेल हरकत में और ट्रांजेक्शन सम्बन्धी जानकारी के आधार पर साईबर क्राईम रेस्पोंस सेल ने तकनीकी साधनों का उपयोग कर परिवादी मोहित के खाते में 5 हजार 185 रुपए रिफण्ड करवाए गए। फ्रॉडर ने मोहित को बरगला कर उसके फोन में एनीडेस्क ऐप डाउनलोड करवाकर उससे यूजर आईडी व पासवर्ड प्राप्त कर लिये व शिकायतकर्ता के फोन का एक्सेस प्राप्त कर रुपए निकाल लिए।

केस दो, 81 हजार निकले, 26 हजार वापस आए, शेष होल्ड पर

तीन फरवरी को गंगाशहर थाना क्षेत्र निवासी भागीरथ ने हेल्पलाइन नम्बर पर फोन कर बताया कि अज्ञात व्यक्ति ने उसके फोनपे अकाउण्ट के यूपीआई आईडी व पासवर्ड चोरी कर उसके खाते से 81 हजार 200 रुपए निकाल लिए। तब शिकायतकर्ता ने उसी समय तुरन्त बीकानेर पुलिस की साईबर क्राइम रेस्पोंस सेल के हैल्पलाईन पर कॉल कर घटना की जानकारी दी व ट्रांजेक्शन सम्बन्धी अन्य जानकारी उपलब्ध करवायी। साईबर काईम रेस्पोंस सैल द्वारा तकनीकी साधनों का उपयोग कर रकम 81 हजार 200 रुपयों पर होल्ड करवाते हुए परिवादी के खाते में 25 हजार 945 रुपए रिफण्ड करवाये गये तथा शेष रकम 55255 रुपए पर होल्ड लगवा रखा हैं जिसको रिफंड करवाने का प्रयास किया जा रहा है। अतः आमजन सतर्क रहे कि किसी अज्ञात व्यक्ति से अपने मोबाईल, लैपटॉप व अन्य डिजिटल पेमेन्ट एप सम्बन्धी आईडी व पासवर्ड शेयर नहीं करें। इनका एकान्त में या अन्य से छुपाकर ही उपयोग करें। ताकि आपके यूजर आईडी व पासवर्ड अन्य व्यक्ति को पता नहीं चले।

केस तीन, लिंक पर क्लिक करने से 24000 रुपए निकले, वापस रिफण्ड करवाये

दो फरवरी को थाना नयाशहर क्षेत्र निवासी प्रशान्त कुमार ने हैल्पलाईन नम्बर पर फोन कर बताया कि मैंने किराये पर टैक्सी बुक करने के लिए ऑनलाईन सर्च किया, तो एक नम्बर पर मैने सम्पर्क किया, तो उसने बताया कि आपको पहले 100 रुपए फोनपे से भेजने होंगे, तब मैंने फोनपे के माध्यम से उसे 100 रुपए ट्रांसफर कर दिये। तत्पश्चात फॉडर ने कहा कि आपके मोबाईल पर एक लिंक भेज रहा हूं उस लिंक पर क्लिक करने पर आपको टैक्सी मिल जाएगी। किन्तु जैसे ही उस लिंक पर क्लिक किया तो मेरे खाते से 24000/ रुपए निकल गए। तब शिकायतकर्ता ने उसी समय तुरन्त बीकानेर पुलिस की साईबर क्राइम रेस्पोंस सेल के हैल्पलाईन पर कॉल कर घटना की पूरी जानकारी दी।

ट्रांजेक्शन सम्बन्धी अन्य जानकारी उपलब्ध करवाई। साईबर क्राईम रेस्पोंस सैल द्वारा तकनीकी साधनों का उपयोग कर परिवादी के खाते में 24 हजार रुपए रिफंड करवाये गये। अतः आमजन सावधान रहे कि किसी भी अनजान व्यक्ति द्वारा भेजे गये अनाधिकृत लिंक को क्लिक नहीं करें तथा ना ही पेमेंट प्राप्त करने के लिए किसी QR कोड को स्कैन करें क्योंकि किसी भी प्रकार का पेमेंट प्राप्त करने के लिए QR कोड स्कैन की आवश्यकता नहीं होती। ऐसा करने पर आप भी साईबर धोखाधडी का शिकार हो सकते है।