बीकानेर का पीबीएम हॉस्पिटल, जिसे पश्चिमी राजस्थान के सबसे बड़े सरकारी चिकित्सा संस्थानों में गिना जाता है, वर्तमान में नकारात्मक खबरों का विषय बन रहा है। अस्पताल को जनता की बेहतरीन स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए विभिन्न योजनाओं और सरकारी फंड्स के माध्यम से कई करोड़ रुपये का आवंटन मिला है, लेकिन मौजूदा हालत यह है कि आवंटित फंड्स का पूरा उपयोग नहीं हो पाया है। इस वजह से अस्पताल में बुनियादी सुविधाओं की भारी कमी बनी हुई है।

पीबीएम हॉस्पिटल को पिछले साल सरकारी योजनाओं के तहत करोड़ों का बजट आवंटित किया गया था, जिसमें इन्फ्रास्ट्रक्चर, उपकरण, दवाइयां, और चिकित्सा सेवाओं में सुधार के लिए योजनाएं बनाई गई थीं। लेकिन ज़मीनी स्तर पर इस बजट का एक बड़ा हिस्सा ठंडे बस्ते में पड़ा हुआ है। अस्पताल में प्रमुख विभागों में आधुनिक उपकरणों की कमी है, जिससे गंभीर रोगियों को उच्च स्तरीय इलाज नहीं मिल पाता। यह स्थिति तब और गंभीर हो जाती है, जब मरीजों को साधारण सुविधाओं के लिए भी इंतजार करना पड़ता है, जिससे असुविधा और तकलीफें बढ़ रही हैं।

यहां तक कि अस्पताल में बुनियादी सुविधाओं का भी अभाव है, जैसे कि सफाई, पानी की व्यवस्था, और पर्याप्त संख्या में डॉक्टरों की नियुक्ति। इसके चलते ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों से आने वाले मरीजों को अक्सर परेशानी का सामना करना पड़ता है। पीबीएम हॉस्पिटल में वार्षिक रिपोर्ट में बताया गया कि निर्धारित लक्ष्य के अनुसार कार्य अधूरा पड़ा है, जबकि मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है।

स्थिति में सुधार लाने के लिए स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन को ध्यान देना होगा और आवंटित फंड्स का सही उपयोग सुनिश्चित करना होगा, ताकि अस्पताल की सेवाओं में सकारात्मक परिवर्तन आ सके और जरूरतमंदों को समय पर चिकित्सा सुविधा मिले।