बीकानेर/ जयपुर। राजस्थान में कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने इस पर प्रभावी नियन्त्रण के लिए राज्य सरकार ने राजस्थान एपीडिमिक डिजीज कोविड 19 रेगुलेशन्स 2020 जारी कर दिए हैं। राजस्थान एपीडिमिक डिजीज एक्ट 1867 के तहत यह रेगुलेशन्स जारी किए गए हैं। एक्ट के सेक्शन 2, 3 और 4 की शक्तियां प्रदेश के सभी जिला कलेक्टर्स को दे दी गई हैं। कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने की कवायद के तहत रेगुलेशन्स में अनेक प्रावधान किए गए हैं। सोशल मीडिया पर कोरोना वायरस को लेकर अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जा सकेगी। अब केवल चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की सूचना ही अधिकृत होगी। साथ ही अब यह भी कहा गया है कि केवल राजकीय अस्पतालों की लैब ही जांच के लिए अधिकृत होगी। प्रदेश में कोरोना वायरस पर प्रभावी नियन्त्रण और इसके प्रसार को रोकने के लिए सरकार ने महामारी घोषित करते हुए जिला कलक्टर्स और मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को शक्तियां प्रदान कर दी है। सरकार ने राजस्थान एपीडिमिक डिजीज एक्ट 1867 के तहत इसकी अधिसूचना भी जारी कर दी है।

प्राइवेट अस्पतालों का इस्तेमाल, ये कॉलेज अधिकृत घोषित
अब प्रदेश भर के सरकारी अस्पतालों के अलावा प्राइवेट अस्पतालों को इसके कन्ट्रोल के लिए सरकार काम में ले सकती है। प्रदेश में आईसीएमआर ने एसएमएस मेडिकल कॉलेज (जयपुर), डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज (जोधपुर), एसपी मेडिकल कॉलेज (बीकानेर) और झालावाड़ मेडिकल कॉलेज (झालावाड़) को अधिकृत लैब घोषित किया गया है। आरएनटी मेडिकल कॉलेज (उदयपुर) और एम्स जोधपुर को अधिकृत सेम्पल कलेक्शन सेंटर बनाया गया है। प्रदेश में कोरोना को एक खतरनाक संक्रमण वाली महामारी माना गया है.। कोरोना वायरस को रोकने के लिए जिला कलेक्टर्स और मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को अपने जिलों में रोकने के लिए प्रिवेंटिव मेजर्स अपनाने की छूट दी गई है। एक्ट के तहत नियम तोडऩे वालों पर सेक्शन 188 आईपीसी (45) के तहत दण्डात्मक कार्रवाई प्रशासन को करने का अधिकार मिल गया है. राज्य सरकार ने पूरे प्रदेश में स्वास्थ्य टीमों को तैनात कर सर्वे का काम शुरू कर दिया है।