नई दिल्ली। जी 23 समूह की मांग पर कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में सोनिया गांधी ने अपने उद्भोदन से स्पष्ट शब्दों में कहा कि मेरे से कोई बात करनी है तो उसमे मीडिया का उपयोग नहीं होना चाहिए। मीडिया के जरिये पहुंचाई जा रही बातो से मैं आहत हूँ। इस नजरिये से पार्टी कमजोर हो रही है जिसे मैं सहन नहीं कर सकती। मैंने सदैव पार्टी हित में वरिष्ठजनों के साथ साथ कांग्रेस के कार्यकर्ताओं का सम्मान किया है और आगे भी करती रहूंगी। हमे अनुशासित हो कर पार्टी को सर्वोपरि मान कर कार्य करने की आवश्यकता है तभी हम किसान,मजदुर भाइयों की लड़ाई जीत पायेंगे।

अक्टूबर में कांग्रेस पार्टी को अपना नया अध्यक्ष मिलेगा जाएगा। सूत्रों के अनुसार कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव सितंबर में होंगे। कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने सीडब्ल्यूसी की बैठक के दौरान कहा कि हमें सोनिया गांधी जी पर पूरा भरोसा है और कोई भी उनके नेतृत्व पर सवाल नहीं उठा रहा है। वहीं, कार्यसमिति की बैठक में पार्टी के असंतुष्ट नेताओं को जवाब देते हुए पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि मैंने हमेशा स्पष्टता की सराहना की है। मीडिया के माध्यम से मुझसे बात करने की कोई जरूरत नहीं है। अपने उद्घाटन भाषण में सोनिया गांधी ने कहा कि पूरा संगठन कांग्रेस को पुनर्जीवित करना चाहता है, लेकिन इसके लिए एकता और पार्टी के हितों को सर्वोपरि रखने की जरूरत है। सबसे बढ़कर, इसके लिए आत्म-नियंत्रण और अनुशासन की आवश्यकता होती है।

कार्यसमिति की बैठक में पार्टी अध्यक्ष समेत संगठन चुनाव कराने की प्रक्रिया शुरू करने का फैसला लिया जा सकता है। इस बैठक में कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा मौजूद हैं। अपने उद्घाटन भाषण में कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि पूरा संगठन कांग्रेस को पुनर्जीवित करना चाहता है, लेकिन इसके लिए एकता और पार्टी के हितों को सर्वोपरि रखने की जरूरत है। सबसे बढ़कर, इसके लिए आत्म-नियंत्रण और अनुशासन की आवश्यकता होती है।
पार्टी में संगठन चुनाव पर सोनिया ने कहा कि संगठन चुनाव का पूरा खाका आपके सामने आ रहा है।सीडब्ल्यूसी बैठक में असंतुष्ट नेताओं को सोनिया गांधी का जवाब- मैं कांग्रेस की फुल टाइम अध्यक्ष हूं

बैठक में आगामी विधानसभा चुनाव और लखीमपुर खीरी कांड एजेंडे में शीर्ष पर रहेंगे। इसके साथ ही राजनीतिक और कृषि समेत तीन प्रस्ताव भी पारित किए जाएंगे। कोरोना महामारी के बाद से यह कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की पहली बैठक है। यह बैठक ऐसे समय हो रही है जब कांग्रेस की राज्य इकाइयों जैसे पंजाब, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में पार्टी के भीतर घमासान मचा हुआ है। बैठक में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिंदबरम, कांग्रेस के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (राजस्थान), भूपेश बघेल (छत्तीसगढ़) और चरणजीत चन्नी (पंजाब) समेत कुल 52 कांग्रेस नेता हिस्सा ले रहे हैं। दिग्विजय सिंह और डा. मनमोहन सिंह समेत पांच नेता बैठक में शामिल नहीं हुए हैं।

एआइसीसी मुख्यालय में हो रही बैठक में वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद और आनंद शर्मा भी मौजूद है। यह बैठक पार्टी के असंतुष्ट खेमे जी 23 समूह के नेताओं की मांग पर बुलाई गई है, मगर जी-23 खेमा कार्यसमिति के केवल मुख्य सदस्यों के बजाय आमंत्रित सदस्यों और राज्यों के प्रभारियों को भी इसमें बुलाए जाने से नाखुश बताया जा रहा है। मई 2019 में पार्टी की लोकसभा में हार के मद्देनजर राहुल गांधी के इस्तीफा देने के बाद सोनिया गांधी ने अगस्त 2019 में अंतरिम कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में पदभार संभाला था।