एक दर्जन कांग्रेस पदाधिकारी बने मंत्री, रिक्त पड़े हैं संगठन के पद
बीकानेर। कांग्रेस में एक व्यक्ति, एक पद के सिद्धान्त को लेकर फिर से चर्चा तेज हो गई है। पार्टी में एक दर्जन पदाधिकारी ऐसे हैं, जो चुनाव जीतकर मंत्री बने हैं। ऐसे में चर्चा इस बात की चल रही है कि क्या मंत्री बने पदाधिकारी अपने संगठनात्मक पदों से इस्तीफा देंगे? हालांकि इस बारे में पार्टी का कोई बड़ा नेता खुलकर बोलने को तैयार नहीं है, लेकिन दबी जुबान में जरूर इसका समर्थन करते नजर आते हैं। दो पदों पर रहने की बजाय एक पद पर रहकर ही काम किया जाए, जिससे दूसरे नेताओं को इन पदों पर एडजस्ट किया जा सके।
जानकारों के अनुसार पार्टी के आला नेताओं के बीच भी इस बात को लेकर मंथन चल रहा है। हालांकि कई नेताओं का यह तर्क भी है कि दो पदों पर रहकर कार्य करने में कोई आपत्ति भी नहीं, बशर्ते सत्ता और संगठन को बराबर का वक्त दिया जाए।
दरअसल, इस बार हुए विधानसभा चुनाव में पार्टी के एक दर्जन पदाधिकारी चुनाव जीतकर मंत्री बने हैं। वहीं प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट भी चुनाव जीतकर उपमुख्यमंत्री बने हैं। हालांकि वे पहले की तरह से संगठन के कामकाज को पूरा समय दे रहे हैं और लोकसभा चुनाव उनके नेतृत्व में ही लडऩे की बात सामने आ रही है।
इन्होंने संभाली थी संगठन की कमान
कैबिनेट मंत्री संगठनात्मक पद
विश्वेन्द्र सिंह प्रदेश उपाध्यक्ष
डॉ. रघु शर्मा प्रदेश उपाध्यक्ष
मास्टर भंवरलाल प्रदेश उपाध्यक्ष
प्रमोद जैन भाया प्रदेश उपाध्यक्ष
प्रतापसिंह खचरियावास जयपुर शहर अध्यक्ष
राज्य मंत्री संगठनात्मक पद
गोविन्दसिंह डोटासरा प्रदेश उपाध्यक्ष
टीकाराम जूली अलवर शहर अध्यक्ष
अशोक चांदना प्रदेशाध्यक्ष युवा कांग्रेस
ममता भूपेश राष्ट्रीय महामंत्री, महिला कांग्रेस
राजेन्द्र यादव जयपुर देहात अध्यक्ष