जोधपुर, भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने शनिवार को पाली जिले की सुमेरपुर ब्लॉक के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमएचओ) को 17 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। उसने एक अन्य डॉक्टर से उसके बिल पास करने की एवज में मांगी थी। एसीबी की टीम उसे गिरफ्तार कर पूछताछ कर रही है। आरोपी डॉक्टर की सैलरी करीब एक लाख रुपए के है।
एसीबी जोधपुर ग्रामीण के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक भोपाल सिंह लखावत ने बताया कि डॉ. पवन कुमार सुमेरपुर ब्लॉक के पावा गांव में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पर तैनात हैं। पावा के अंतर्गत आने वाले दो उप स्वास्थ्य केन्द्रों पर माह के प्रत्येक गुरुवार को मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य दिवस आयोजित होता है।
इसके निरीक्षण के लिए राज्य सरकार की ओर से प्रत्येक विजिट के लिए 1500 रुपए का प्रावधान किया गया है। राज्य सरकार ने पिछले साल जून से यह अनुमति प्रदान की थी। पावा के अधीन दो उप स्वास्थ्य केन्द्र बसंत व हिंगोला आते हैं। डॉ. पवन कुमार ने इसी का दिसम्बर माह तक का 31,500 रुपए का भुगतान उठाया था।
रिश्वत नहीं मिली तो नोटिस भेज दिया
सुमेरपुर ब्लॉक मुख्य चिकित्सा अधिकारी का अतिरिक्त प्रभार तखतगढ़ के वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डॉ. शरद कुमार सक्सेना के पास है। डॉ. सक्सेना बिल पास होने के बाद से लगातार डॉ. पवन से कुल राशि का 30 प्रतिशत रिश्वत के रूप में मांग रहा था। रिश्वत नहीं देने पर डॉ. पवन को नोटिस भी जारी कर दिया गया। पूरे सुमेरपुर ब्लॉक में सिर्फ उसे ही नोटिस जारी किया गया। जबकि ब्लॉक के 13 में से 8 डॉक्टर यह भुगतान उठा चुके हैं।
घर में एसीबी ने रंगे हाथों पकड़ा
एसीबी ने शनिवार को ट्रैप रचा। इसके लिए डॉ. पवन को 17 हजार रुपए के साथ डॉ. सक्सेना के यहां भेजा। घर में ड्राइंग रूम में रिश्वत लेकर उसने टेबल पर रखे एक बॉक्स में रख दिए। उसी समय एसीबी की टीम ने उसे दबोच लिया। एसीबी की टीम डॉ. सक्सेना को गिरफ्तार कर आठ डॉक्टरों के बिल पास करने के बारे में पूछताछ कर रही है।