बीकानेर। प्रदेश के सरकारी व गैर सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों को इस बार वार्षिक परीक्षा से पहले एक टेस्ट देना होगा। यह टेक होम एग्जाम होगा, यानी बच्चों को घर बैठे ही परीक्षा देनी है। इससे पता चलेगा कि कोरोना के कारण बंद चल रहे स्कूलों के बावजूद बच्चों ने कुछ सीखा या नहीं? इसी परीक्षा के आधार पर वार्षिक परीक्षा का स्तर तय होगा। शिक्षा विभाग अभी यह तय नहीं कर पाया है कि पांचवीं व आठवीं बोर्ड परीक्षा के लिए बच्चों को दूसरे सेंटर पर भेजा जायेगा या नहीं?
माध्यमिक शिक्षा निदेशक सौरभ स्वामी ने बताया कि कक्षा तीन से बारह तक के सभी स्टूडेंट्स को वार्षिक परीक्षा तो स्कूल में आकर ही देनी पड़ेगी। इससे पहले बच्चों का शैक्षिक स्तर जांचने के लिए एक टेस्ट होगा। इसके लिए बच्चों को दी जा रही वर्कबुक के आधार पर प्रश्न माला बच्चों को दी जायेगी। इन प्रश्नों का जवाब बच्चों को लिखित में घर से तैयार करके स्कूल में जमा कराने होंगे।
प्रदेशभर में एक सा पेपर
शिक्षा विभाग का प्रयास है कि कक्षा तीन से नौ और ग्यारह का पेपर पूरे राजस्थान में एक जैसा हो। इसके लिए नौंवी व ग्यारहवीं का पेपर शिक्षा निदेशालय तैयार कर सकता है जबकि शेष कक्षा तीन से आठ तक के पेपर का जिम्मा एसआईईआरटी उदयपुर को दिया जा सकता है।
पांचवीं आठवीं की बोर्ड परीक्षा तय नहीं
अभी यह तय नहीं हो पाया है कि कक्षा पांच व आठ की परीक्षा इस बार बोर्ड पैटर्न पर होगी या नहीं। आमतौर पर पांचवीं व आठवीं के बच्चों को परीक्षा देने के लिए दूसरे स्कूल जाना पड़ता है। इससे पांचवीं कक्षा के बच्चों को अपने घर से आठ से दस या फिर इससे भी ज्यादा दूर परीक्षा देने के लिए जाना पड़ता है। स्वामी ने बताया कि इन कक्षाओं की परीक्षा तो होगी लेकिन बोर्ड पैटर्न रहेगा या नहीं? अभी तय नहीं है।