बीकानेर। भारत के पुरातत्व और शिलालेखों के अध्ययन व शोध करने वालो का समूह संभाग के हनुमानगढ़ जिले में शामिल होंगे। देशभर से आने वाले लोगो में बीकानेर से भी एक दल प्रोफ़ेसर भंवर भादानी के नेतृत्व में रवाना हो चुका है। राजस्थान आर्कियोलॉजी एंड एपीग्राफी कांग्रेस का यह तीसरा अधिवेशन 23 -24 दिसंबर को हनुमानगढ़ स्थित श्री खुशालदास विश्वविद्यालय में आयोजित होगा। संस्था के अध्यक्ष प्रोफेसर भंवर भादानी ने बताया अधिवेशन में पूरे भारत से पुरातत्व और शिलालेखों के अध्ययन और शोध के क्षेत्र में कार्य करने वाले लोगों के लिए यह मंच एक – दूसरे द्वारा किये गए शोध व इस कार्य में होने वाली अड़चनों से रु-ब -रु होकर समझा जा सकेगा व इसमें आने वाली अड़चनों को कैसे दूर किया जा सके पर मंथन होगा। हनुमानगढ़ में आयोजित हो रहे इस कार्यक्रम में भादानी के साथ जाने वालो में रीतेश व्यास डॉ राजेंद्र कुमार डॉ नितिन गोयल डॉ राजशेखर पुरोहित डॉ राकेश किराडू डॉ मुकेश हर्ष डॉ मोहम्मद फारुख अमित व्यास व गिरिराज पारीक शामिल हैं। अधिवेशन में दिल्ली,मध्यप्रदेश ,गुजरात,अलीगढ़ तथा राजस्थान के कई क्षेत्रों से पुरातत्वविद और इतिहास विज्ञ उपस्थित होंग।े संस्था के सचिव डॉक्टर रीतेश व्यास ने बताया कि कार्यक्रम में महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर वी के सिंह मुख्य अतिथि के रुप में शामिल होंगे । जोधपुर से क्षीर सागर को दशरथ शर्मा मेमोरियल पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। समापन सत्र में कोटा से जी एस एल देवड़ा तथा टाटिया विश्वविद्यालय गंगानगर के कुलपति एम एम सक्सेना उपस्थित होंगे। अधिवेशन का विशेष आकर्षण हड़प्पा सभ्यता के केंद्र कालीबंगा का भ्रमण होगा।साथ ही संस्था द्वारा वर्ष पर्यंत किए जाने वाले सर्वे को फोटो प्रदर्शनी के माध्यम से दर्शाया जाएगा। साथ ही चार पुस्तकों का लोकार्पण भी होगा । राजस्थान प्राच्य विद्या शोध प्रतिष्ठान बीकानेर की ओर से एक पुस्तक प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी ।