बीकानेर। लॉकडाउन का सबसे बुरा असर उन गरीब मजदूर लोगों पर पड़ रहा है, जिनको सरकार से वितरित होने वाला राशन नहीं मिल रहा है। दरअसल, शहर में भामाशाह प्रतिदिन भोजन के पैकेट वितरित करते रहे हैं तो वहीं प्रदेश की सरकार भी प्रतिबद्ध है कि कोई भी व्यक्ति भूखा नहीं सोए। इसके लिए जिला प्रशासन की ओर से राशन सामग्री वितरण करने के लिए प्रशासन को जिम्मेदारियां दी गई हैं लेकिन बीकानेर में जरूरतमंद लोगों को राशन सामग्री नहीं मिल पा रही है।
गौरतलब है कि वार्ड 63 में पार्षद व बीएलओ पर मिलीभिगती कर राशन किट अपनें चहेतों को बांटने को आरोप लगाया जा रहा है इस संदर्भ में मनोज चौधरी ने देवेन्द्र वाण्ी को बताया कि वार्ड 63 में कल व आज सुबह से राशन सामग्री वितरण की जा रही है किन्तु वार्डवासियों ने आरोप लगाया है कि सामग्री वितरण महज एक औपचारिकता है क्योंकि वितरण सूची में नाम पार्षद व बीएलओ के चहेतों का ही है। चौधरी ने बताया कि सामग्री वितरण स्थान पर जब महिलाएं पंहुची तो सूची में नाम नही था ओर सामग्री से वंचित रह गई और पार्षद व बीएलओ पर मिलीभगती कर चहेतों को राशन वितरण का आरोप भी लगाया साथ ही साथ सूची में कई नाम ऐसे है जो व्यवसायी है पर जरूरतमंदो के नाम नही है

महिलाओं ने पार्षद पर लगाये आरोप
महिलाओं ने पार्षद अशोक माली पर अपने लोगों को लाभ पहुंचाने का आरोप भी लगाया है। वार्डों में वार्ड पार्षद अपने चहेते लोगों को राशन दिलवा रहे हैं लेकिन जरूरतमंद लोगों को इस राशन से महरूम रखा जा रहा है. यह तो गनीमत है कि शहर में भामाशाह की मदद से भोजन सामग्री उपलब्ध करवाई जा रही हैं वरना हालत कुछ और ही होते। महिलाओं ने आरोप लगाते हुए कहा कि पार्षद अशोक माली नाम लिख कर ले जाते है पर राशन किट उनके अपनों को मिलती है।