बीकानेर। केंद्र में भाजपा सरकार हो या फिर राज्य की कांग्रेस सरकार कार्यो को लेकर एक समानीय तरिके से जनता को हैंडल कर रही है। लम्बे समय से देश का किसान केंद्र की भाजपा लिप्त सरकार से किसनो को सुविधा के नाम पर लागु किये जा रहे कानून के खिलाफ अपनी आवाज़ बुलंद कर रखी है। हठधर्मी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसानो की बात सुनने तक को तैयार नहीं है। उसी पार्टी के राजस्थान भाजपा अध्यक्ष सतीश पुनिया किसानो को मुआवजा दिलाने सिंचाई हेतु भरपूर पानी दिए जाने, गांव में हो रही बिजली कटौती व बढ़ रहे बिजली बिलो की मांग को लेकर राज्य में चल रही कांग्रेस शाषित सरकार के खिलाफ 28 अक्टुबर राज्यभर ने भाजपा इकाइयां धरना पर्दर्शन आयोजित कर किसान हितो की बात लेकर मुख्यमंत्री गहलोत के खिलाफ मुखित होकर विरोध करने जा रही है। किसानो की बात पर विरोध प्रदर्शित करने वाले भाजपाइयों को कौन समझाए कि देश भर के किसान उनके नेतृत्व से दुखी है। इसी तरह गहलोत सरकार सत्ता में आने से पूर्व राज्य में बिजली विभाग द्वारा निजीकरण का विरोध करती रही परन्तु आज राज्य की जनता को निजीकरण से मुक्ति मिलने की बजाय निजी कम्पनियो की मनमानी कार्यशैली का सामना करना पड़ रहा है। राज्य को शराब मुक्त किये जाने की मांग को लेकर लम्बा संघर्ष कर शहीद हुवे गुरुचरण छाबड़ा की पुत्री पूजा भारती छाबड़ा अपने पिता द्वारा चलाये गए आंदोलन को सफल बनाने के लिए तत्पर है।

राज्य की महिलाये समय समय पर अपने हल्का क्षेत्र पर शराब बंदी को लेकर आंदोलन करती रही है आज भी जयपुर शहर में शराब का ठेका बंद हो इसके लिए धरना चल रहा है। इस आंदोलन का समर्थन करने के लिए वयोवृद्ध विष्णुदत शर्मा, पूजा भारती छाबड़ा के साथ आंदोलनकारी महिलाओ के धरना स्थल पर जाकर अपना सामर्थन दिया व उच्च अधिकारियो से तुरंत शराब ठेका बंद करने की मांग की। विष्णुदत्त शर्मा शहीद गुरुचरण छाबड़ा के साथ शरबबंदी आंदोलन में सक्रीय रहे है। राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी छाबड़ा से मिलकर उनकी मांग को जायज माना था परन्तु आज भी शराब बंदी को लेकर महिलाओ को सड़को पर उतरना पड़ रहा है।