बीकानेर, प्रदेशभर में शिक्षकों के रिक्त पदों को भरने के लिए विद्यार्थियों और अभिभावकों की ओर से तालाबंदी करने के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। इससे परेशान शिक्षा निदेशालय ने अब तालाबंदी प्रभाग का ही गठन कर दिया है। इसके प्रभारी अधिकारी तालाबंदी की सूचना मिलते ही तुरंत सक्रिय होंगे। मौके पर शिक्षा अधिकारी को भेज कर समझाइश करेंगे और परेशानी को समझ कर दूर करने का प्रयास करेंगे। साथ ही जबरन तालाबंदी करने वालों पर राजकार्य में बाधा का मुकदमा भी दर्ज कराने के निर्देश दिए गए हैं।

60 किमी पैदल मार्च ने खोली आंखें
लूणकरनसर क्षेत्र सोढ़वाली स्कूल के विद्यार्थियों और अभिभावकों के पांच दिन स्कूल में तालाबंदी रखने के बाद भी शिक्षा विभाग के गंभीर नहीं होने पर बच्चों के 60 किलोमीटर के पैदल मार्च से सरकार की नींद टूटी है। गौरतलब है कि इस घटना से प्रदेशभर में शिक्षा विभाग की फजीहत हुई। साथ ही इसके बाद नोखा क्षेत्र व अन्य जगहों से भी तालाबंदी और पैदल मार्च की चेतावनी ग्रामीणों ने दी। ऐसे बढ़ते मामलों को लेकर निदेशालय ने तालाबंदी प्रभाग का गठन किया है। शिक्षकों को ग्रामीणों से मेलजोल बढ़ाने, जिला शिक्षा अधिकारियों के कार्यालयों में नियंत्रण कक्ष खोलने जैसे कदम भी उठाए गए हैं।

तालाबंदी की आशंका वाले विद्यालय होंगे चिन्हित
संयुक्त निदेशक राजकुमार शर्मा ने आदेश में कहा है कि मंडल के अधीनस्थ मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी अपने जिले में ऐसे संवेदनशील विद्यालयों को चिन्हित करेंगे, जहां तालाबंदी की आशंका है। मौके पर अधिकारी स्वयं जाकर घटना को टालने अथवा तालाबंदी होने पर खुलवाने का प्रयास करेंगे। तालाबंदी होने पर तुरंत सूचना मुख्यालय को और नवगठित तालाबंदी प्रभाग को देनी होगी।

सख्ती के भी आदेश
संस्था प्रधानों को निर्देश दिए गए हैं कि स्थानीय लोगों से निरंतर संपर्क में रहे, जिससे तालाबंदी की नौबत नहीं आए। अनुशासनहीनता करने वाले विद्यार्थियों को विद्यालय से निलंबित करने, टीसी काटने की कार्रवाई की जाए। तालाबंदी तथा धरना-प्रदर्शन में कोई शिक्षक या संस्था प्रधान की लिप्तता हो, तो उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। तालाबंदी कर राजकार्य में बाधा पहुंचाने वालों पर भी एफआइआर दर्ज कराने के निर्देश दिए गए हैं।