बीकानेर। वेटरनरी विश्वविद्यालय के संगठक पशुचिकित्सा एवं पशु विज्ञान महाविद्यालय, नवानियां, उदयपुर में इंडियन सोसायटी फॉर एडवांसमेंट ऑफ केनाइन् प्रैक्टिस की 18वीं नेशनल कांग्रेस का “न्यूवर कॉन्सेप्ट्स एंड अप्रोचेज इन स्मॉल एनिमल प्रैक्टिस एंड वेलफेयर” विषय पर आयोजित तीन दिवसीय वैज्ञानिक सम्मेलन शनिवार को सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रो. ए.के. गहलोत, संस्थापक और पूर्व कुलपति, राजुवास, बीकानेर ने कहा कि शहरी क्षैत्रों में भी केनाइन प्रैक्टिस की महत्ता बढ़ी है। केनाईन चिकित्सा के क्षैत्र में अत्याधुनिक चिकित्सा सुविधाओं का विस्तार हुआ है। केनाईन प्रेक्टिस में पशुचिकित्सकों हेतु स्वरोजगार की अपार संभावना है। उन्होंने केनाइन वेलफ़ेयर पर लॉ एंड एथिक्स के बारे में बताया। सोसाइटी के अध्यक्ष डॉ. एस. प्रथाबन ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि इस सम्मेलन में वैज्ञानिकों और शोधार्थियों ने वेटरनरी मेडिसिन के साथ-साथ केनाइन प्रैक्टिस पर बहुत प्रशंसनीय शोध कार्यों पर प्रस्तुतीकरण दिया। समापन अवसर पर अधिष्ठाता प्रो. आर.के. जोशी, निदेशक प्रसार शिक्षा प्रो. आर.के. धूड़िया, सोसाइटी के सेक्रेटरी जनरल डॉ. ए.के. श्रीवास्तव मंचासिन रहे। इस सम्मेलन में देश के विभिनन विश्वविद्यालयों और सोसाइटी से जुड़े हुए 300 वैज्ञानिक, विषय विशेषज्ञ, फील्ड पशुचिकित्सकों, शोधार्थी एवं विद्यार्थियों ने भाग लिया। सम्मेलन के नौ सत्रों में मेडिसिन, माइक्रोबॉयोलोजी, सर्जरी एवं रेडियोलॉजी, पशु अनुवांशिकी एवं प्रजन्न, पशुपोषण, हाइजीन एंड मैनेजमेंट एवं केनाइन वेलफेयर आदि विषयों पर वैज्ञानिकों ने कुल 32 मुख्य पत्र एवं 172 शोध पत्रों का वाचन किया। प्रतिभागियों को विभिन्न केटेगरी में कुल 13 पुरस्कारों से नवाजा गया। कार्यक्रम के अंत में सम्मेलन के आयोजन सचिव प्रो. एस. के. शर्मा ने सभी अथितियों और आगन्तुकों का धन्यवाद ज्ञापन किया।