बीकानेर, राजस्थान में ज्यादा युनिवर्सिटीज का अंडर ग्रेजुएशन फाइनल इयर रिजल्ट जारी नहीं होने का खामियाजा हजारों स्टूडेंट्स को भुगतना पड़ रहा है। पीजी प्रीवियस में एडमिशन अब तक शुरू नहीं हुए हैं। छात्र संघ चुनाव के लिए मतदाता सूची में नाम जुड़वाने का समय समाप्त हो रहा है। अकेले बीकानेर में डेढ़ हजार से ज्यादा स्टूडेंट्स इस बार इलेक्शन में हिस्सा नहीं ले पा रहे हैं। बीकानेर संभाग के सबसे बड़े डूंगर कॉलेज में ही करीब आठ सौ सीट्स पर अब तक एडमिशन प्रोसेस शुरू नहीं हुआ है। ऐसे में 26 अगस्त को होने वाले मतदान में स्टूडेंट्स हिस्सा नहीं ले सकेंगे। इसके अलावा महारानी सुदर्शन गर्ल्स कॉलेज में भी पीजी में एडमिशन नहीं हो सके हैं। बीकानेर के प्राइवेट कॉलेज में भी ऐसे ही हालात हैं।अकेले डूंगर व एमएस कॉलेज में ही करीब डेढ़ हजार स्टूडेंट्स बाहर हो गए हैं, जबकि प्राइवेट कॉलेज में भी बड़ी संख्या में सीट्स खाली पड़ी है।

NSUI व ABVP का विरोध

इस हालात से NSUI व ABVP संगठनों में नाराजगी है। एनएसयूआई के स्टूडेंट्स तो पिछले दिनों टंकी पर चढ़ गए थे। एबीवीपी के स्टूडेंट्स ने भी मुख्यमंत्री का पुतला जलाया। केंपस में भी हर कहीं स्टूडेंट्स झुंड में बैठकर विरोध ही दर्ज करा रहे हैं। कुछ स्टूडेंट्स ने तो प्रचार प्रसार भी शुरू कर दिया था लेकिन अब चुनाव से ही बाहर हो गए हैं। एनएसयूआई से पूर्व अध्यक्ष बने अशोक बुड़िया ने भी सरकार के निर्णय को गलत बताया। बुड़िया का कहना है कि एक महीने बाद भी चुनाव हो सकते थे।

हमारा रिजल्ट आ गया, फिर एडमिशन क्यों नहीं?

बुधवार को दैनिक भास्कर से बातचीत में स्टूडेंट्स ने कहा कि पीजी तक पहुंचने से पहले स्टूडेंट्स चुनाव की तैयारी करते हैं, संपर्क बनाते हैं लेकिन अब उन्हें कॉलेज से बाहर माना जा रहा है। इसी कॉलेज में पढ़ने वाले बीए, बीएससी और बीकॉम के स्टूडेंट्स का रिजल्ट आ गया है लेकिन बाहरी युनिवर्सिटी स्टूडेंट्स के रिजल्ट का इंतजार किया जा रहा है। बीकानेर में रहने वाले सभी स्टूडेंट्स का रिजल्ट आ चुका है। नब्बे फीसदी सीटों पर यहीं के स्टूडेंट्स इन कॉलेज में एडमिशन लेते हैं लेकिन पांच दस फीसदी स्टूडेंट्स के इंतजार में उनका प्रवेश रोका गया है।