बीकानेर। गायों में फैल रही लंपी बीमारी के रोकथाम व बीमारी का उपचार मुहैया करवाने में नाकाम सरकार व प्रशासन के खिलाफ आज गौभक्तों का गुस्सा फूट पड़ा है। प्रदेशभर में बंद का आह्वान है। इसके तहत बीकानेर में मिलाजुला असर देखने को मिल रहा है। यहां गौभक्त घूम-घूमकर बाजार बंद करवाने में जुटे हुए हैं। केईएम रोड व कोटगेट की अधिकांश दुकानें बंद हो गई हैं। वहीं, श्रीडूंगरगढ़ में भी गौभक्त बाजार बंद करवा रहे हैं। इसी तरह पांचू का पूरा बाजार बंद है। नोखा में 70 प्रतिशत से अधिक बाजार बंद हो चुका है, देशनोक में बाजार पूर्णत: बंद है। दरअसल, गायों में फैल रहे लंपी रोग के रोकथाम व उपचार मुहैया न करवाने के विरोध में गौभक्तों द्वारा बंद का आह्वान किया गया है। गौभक्तों का कहना है कि इस रोग को आये इतना समय बीत गया, लेकिन सरकार व प्रशासन ने गायों को बचाने के लिए कुछ भी नहीं किया। अब तक हजारों की तादाद में गायें मर चुकी है, लेकिन सरकार व प्रशासन न दिखाई नहीं दे रहा और ही सुनाई। चुनावों के समय में गायों पर राजनीति कर वोट मांग लिये जाते है, लेकिन अब जब गायों पर संकट आया है तो कोई कुछ नहीं कर रहा। जिसके कारण गौभक्तों में भयंकर रोष व्याप्त है। गौभक्तों ने बताया कि इस रोग से ग्रस्ति गायों के उपचार हेतु सरकार व प्रशासन द्वारा कोई बड़ा कदम नहीं उठाया गया। मृत पशुओं को निस्तारण हेतु कोई व्यवस्था नहीं की। इस रोग से पशुओं को कैसे बचाया जा सकता है इस संबंध में पशुपालकों को जागरूक नहीं किया। ग्रामीण क्षेत्रों में तो हालात और अधिक खराब है क्योंकि वहां पर न डॉक्टर मिल रहा और न दवा। इस व्यवस्था से ग्रामीण दु:खी व परेशान है, क्योंकि उनके सामने गौवंश दम तोड़ रहा है। गौभक्तों का दावा है कि प्रशासन गायों की मौत के आंकड़ों के मामलों में झूठ बोल रहा है। जिले में अब तक लगभग 50 हजार गायों की मौत हो चुकी है, जबकि प्रशासन का कहना है कि 2500 गायें मरी है। गौभक्तों ने कहा कि सरकार को चाहिए कि इस रोग को महामारी घोषित करें। गौभक्तों ने कहा कि गायों की सेवा करने या फिर उनको बचाने में अभी तक केवल गौपालक या सामाजिक सेवा करने वाले लोग आगे आये हैं, राजनेता अपने एसी रूम में बैठे हैं जिनको बैठे रहने दो, आगे आने वाला समय अपने आप जवाब दे देगा।