बीकानेर, राजस्थान में सक्रिय नया वेदर सिस्टम आफत बनकर बरस रहा है। दो दिन से लगातार हो रही भारी बारिश से कई जिलों में बाढ़ आ गई। गांव के गांव पानी में डूबे हैं। हजारों लोग फंसे हैं। हालात से निपटने के लिए NDRF, SDRF और सेना की टीमें जुटी हुई हैं। उधर, पूर्व सीएम वसुंधरा राजे आज दोपहर झालावाड़, बारां में बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वे करेंगी। प्रदेश में सोमवार-मंगलवार को 14 जिलों में लगातार बारिश हुई है। सबसे ज्यादा झालावाड़ में 11.3 इंच। जयपुर में मंगलवार को दिनभर बारिश होती रही। इन दो दिनों में ही छह बांधों के गेट खोलकर पानी निकालना पड़ा। 33 में से 26 जिलों में अब तक औसत से करीब 20% ज्यादा बारिश हो चुकी है। राजस्थान में 22 में से तीन बांध तो 100 फीसदी भर चुके हैं। इसमें बांसवाड़ा का हारो, टोंक का गलवा और प्रतापगढ़ का जाखमबांध शामिल हैं। इन बांधों में इंच भर भी पानी आसपास के शहर और गांवों के लिए बड़ा संकट बन सकता है। इसके अलावा चित्तौड़गढ़ के राणा प्रताप सागर बांध में 93.68%, कोटा बैराज में 95.38 और बूंदी के गुढ़ा डैम में 97.18% पानी आ चुका है। थोड़ी सी बारिश में ये तीनों बांध भी सौ फीसदी भर जाएंगे। फिलहाल बाढ़ से राज्य के करीब 10 जिले संकट में हैं। राणा प्रताप सागर बांध से एक ही दिन में चार लाख 66 हजार क्यूसेक छोड़ा गया। कोटा बैराज के 17 गेट खोले जा चुके हैं और इससे भी 4 लाख 97 हजार क्यूसेक पानी निकाला गया। कोटा शहर के निचले इलाकों में लोग घर छोड़ने को मजबूर हैं। स्थिति से निपटने और पानी में फंसे लोगों को बचाने के लिए एनडीआरएफ (नेशनल डिजास्टर रिलीफ फोर्स) और एसडीआरएफ (स्टेट डिजास्टर रिलीफ फोर्स) की टीमें पांच जिलों में तैनात हैं। झालावाड़ में सेना की एक यूनिट भी बुलाई गई है। पार्वती और चंबल नदियां उफान पर हैं। कोटा बैराज से पानी छोड़े जाने के कारण धौलपुर और करौली में स्थिति खराब हो गई। धौलपुर के 25 और करौली के 6 गांव खाली कराने पड़े। लोगों को सुरक्षित जगहों पर भेजा गया।
इन जिलों में संकट
वर्तमान में कोटा में हालात सबसे खतरनाक हैं। चित्तौड़गढ़ में मंगलवार को ही 76.5 एमएम बारिश ने कहर बरपाया है। इसके अलावा बूंदी, टोंक, अजमेर, भीलवाड़ा, सिरोही, अंता (बारां), बांसवाड़ा, डबोक (उदयपुर) में बारिश ने आफत खड़ी कर दी है। उदयपुर में तो दिनभर बादल गरजते और बरसते रहे।
आज 10 जिलों में अलर्ट
मौसम विभाग ने बुधवार को जयपुर, बीकानेर, जैसलमेर, बाडमेर, जालोर, सिरोही, प्रतापगढ़,उदयपुर, डूंगरपुर, बांसवाड़ा जिलों और आसपास के क्षेत्रों मे कहीं-कहीं पर गरज के साथ हल्की से मध्यम वर्षा का दौर जारी रहने की संभावना जताई। इस दौरान बाड़मेर, जैसलमेर, में कहीं-कहीं आकाशीय बिजली और तेज बारिश के दौर की संभावना जताई है।
यहां तैनात है रिलीफ फोर्स
सात जिलों में कोटा, धौलपुर और झालावाड़ में हजारों लोग पानी में फंसे हुए हैं, जिन्हें रेस्क्यू करना पड़ रहा है। दो दिन से बारां के छबड़ा क्षेत्र के खुरई, गोड़िया मेहर, बटावदापार से लोगों को एयरलिफ्ट करना पड़ा है। वहीं, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की करीब 20 टीमें प्रदेशभर में तैनात हैं।
आगे राहत की उम्मीद
मौसम विभाग के मुताबिक बुधवार को जैसलमेर, बाड़मेर, जालोर और प्रतापगढ़ में बारिश हो सकती है। गुरुवार को प्रतापगढ़ में बादलों छाए रहेंगे। 26 और 27 अगस्त को राज्य में बारिश की संभावना नहीं है।
प्रदेश का पारा गिरा
पिछले चौबीस घंटे में सबसे ज्यादा पारा जैसलमेर का गिरा है।, जहां इन दिनों में 36 डिग्री सेल्सियस से अधिक तापमान रहता है, लेकिन मंगलवार को 7.2 डिग्री सेल्सियस कम यानी 29.4 डिग्री सेल्सियस पारा रहा। वहीं चित्तौड़गढ़ में भी सामान्य से पांच डिग्री सेल्सियस कम तापमान रहा। राज्य में सबसे गर्म श्रीगंगानगर रहा, लेकिन वहां भी तापमान 36.8 डिग्री सेल्सियस रहा। कोटा में सबसे कम न्यूनतम पारा 22.4 डिग्री सेल्सियस रहा। ये सामान्य से तीन डिग्री कम है।