बीकानेर, अहमदाबाद से जेवरात का कुरियर लेकर आए युवक के साथ लूटपाट करने वाली गैंग के सदस्य बीकानेर के ही रहने वाले हैं। आसपास के गांवों में रहने वाले इन युवकों की गैंग के पास पिस्टल सहित कई अवैध हथियार भी थे। लूट के समय अगर खींचतान होती तो फायरिंग हो सकती थी। पुलिस की शुरूआती पड़ताल में साफ हो गया है कि गैंग के सदस्य पिछले कई दिनों से रैकी कर रहे थे कि बस से करोड़ों रुपए का सामान बीकानेर आ रहा है, ऐसे में बुधवार को हमला बोल दिया। पुलिस ने गैंग के पांच सदस्यों को गिरफ्तार किया है। इन सभी को फिलहाल बापर्दा गिरफ्तार किया गया है ताकि बाद में इनकी शिनाख्त परेड हो सके। इसलिए पुलिस ने इनके नाम भी अब तक सार्वजनिक नहीं किए हैं। बताया जा रहा है कि पांचों युवक बीकानेर के हैं और पिछले कई दिनों से ये लोग रैकी कर रहे थे। अहमदाबाद से तोलाराम पुत्र हीराराम प्रजापत कुरियर लेकर रवाना हुआ है, ये जानकारी इस गैंग के पास थी। सवाल ये खड़ा हो रहा है कि इन्हें कैसे पता चला? मिलन ट्रेवल्स के साथ अनुबंध पर चलने वाली पार्श्वनाथ ट्रेवल्स की ये बस अहमदाबाद से रवाना हुई थी। बुधवार सुबह नौ बजे तोलाराम प्रजापत कुरियर लेकर नीचे उतरा, तो वहां एक कार उसे लेने आ गई थी। कार में पार्सल डालकर वो रवाना भी हो गया, लेकिन पहले से घात लगाकर बैठे इन युवकों ने हमला बोल दिया। पुलिस को पता चला है कि ये लोग मंगलवार रात से ही इस लूट के लिए तैयार थे। इसीलिए एक बिना नंबर की बोलेरो और बाइक की व्यवस्था की गई। पिस्टल और जिंदा कारतूस भी साथ में रखे गए। लूट करने वाले युवकों को ये पता नहीं था कि जिस पार्सल को वो लूट रहे हैं, वो ही उसे पकड़वाने का काम करेगा। कुरियर तकनीकी रूप से काफी मजबूत था, ऐसे में लोकेशन पुलिस को मिल रही थी। इसी कारण पुलिस ने एक ही दिशा में पहुंचकर लूट करने वालों को दबोच लिया।
पुलिस पर फायरिंग किया
लूट के बाद पुलिस जब इनका पीछा करते हुए पकड़ने पहुंची तो पुलिस पर फायरिंग की गई।जसरासर के एसएचओ देवीलाल पर सबसे पहले फायरिंग की गई। जवाब में पुलिस ने भी दो बार फायर किए। इससे लूट करने वाले घबरा गए और सरेंडर कर दिया। इस दौरान साइबर सेल के दीपक यादव के घुटने में चोट भी आई। फायरिंग में काम ली गई पिस्टल अवैध है। इनके पास पांच जिंदा कारतूस भी बरामद किए गए हैं।
युवा है लूट के आरोपी
लूट करने वाले पांचों युवकों की उम्र बीस से तीस साल के बीच बताई जा रही है। ये सभी बीकानेर शहर में रहते हैं लेकिन आसपास के गांवों के निवासी है। पांचों ने मिलकर गैंग तैयार की थी और लूट का सामान जल्द ही आपस में बांटने का निर्णय भी किया था। समय रहते इनकी गिरफ्तारी नहीं होती तो अब तक राजस्थान छोड़ बाहर निकल जाते। पुलिस की सक्रियता ने इनकी योजना विफल कर दी।
उदयपुर लूट के बाद सक्रिय पुलिस
उदयपुर में एक बैंक से करोड़ों रुपए के सोने की लूट के बाद बीकानेर आईजी ओम प्रकाश ने सभी ज्वैलर्स की एक मीटिंग बुलाई थी। इस दौरान सुरक्षा उपाय रखने के निर्देश दिए गए थे। तब हर दुकान के आगे व अंदर सीसीटीवी कैमरा लगाने के साथ ही सुरक्षाकर्मी तैनात करने की सलाह दी गई थी।