बीकानेर : साली को पार्टनर बना प्रॉपर्टी कारोबारी ने डाली डकैती, आरोपियों को पुलिस ने किया गिरफ्तार, पढ़े खबर

जयपुर, 24 अगस्त 2022.. शाम के करीब 7.30 बजे थे। घर में आराम से बैठे एक परिवार ने सोचा भी नहीं था कि अगले ही मिनट उनके साथ क्या होने वाला है। अचानक दो युवक घर में घुसे। खुद को इनकम टैक्स अधिकारी बताकर परिवार को धमकाने लगे। परिवार कुछ सोचता इससे पहले ही बंदूकें तान दी गईं। एक-एक कर घर के सभी लोगों को बंधक बना लिया गया, अलग-अलग कमरों में बंद कर दिया। फिर बदमाशों के हाथ लगा 13 साल का मासूम श्रेयांश। मासूम के सिर पर बंदूक लगा बदमाश पूरे घर में घूमते रहे और रुपए, गहने कीमती सामान लूटते रहे। जयपुर में हुई इस वारदात ने सभी को चौंका दिया। आखिर पुलिस एक्टिव हुई 600 से ज्यादा सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए….पुलिस की अलग-अलग 30 से ज्यादा टीमें बनाकर जांच शुरू की गई। घरवालों पर शुरू हुई शक की सुईं दिल्ली तक जा पहुंची। आखिर 7 बदमाशों को गिरफ्तार किया गया। जयपुर में 1.25 करोड़ की लूट की इस वारदात की प्लानिंग 5 महीने पहले शुरू हुई। सरगना से लेकर डकैती में शामिल सभी बदमाशों को अलग-अलग जिम्मेदारी मिली। पूरी वारदात के दो सरगना थे। दोनों के साथ कुल सात बदमाशों को गलतागेट थाना पुलिस ने गिरफ्तार किया है। डकैती का पूरा खेल दोनों मास्टरमाइंड रेहान उर्फ लीलू (33) और संजय पांचाल (37) ने तैयार किया। संजय ने अपनी साली निशा को भी इस काम में पार्टनर बनाया, जिससे किसी को शक न हो। एडिश्नल कमिश्नर (फर्स्ट) अजयपाल लाम्बा ने बताया कि संजय पांचाल ने अपने दोस्त रेहान उर्फ लीलू के साथ दिल्ली में बैठकर जयपुर में आटा व्यापारी के घर डकैती का प्री-प्लान बनाया था। दिल्ली में रहकर संजय प्रोपर्टी कारोबार करता है। उसका दोस्त रेहान उर्फ लीलू दिल्ली में रहकर क्राइम से जुड़ा हुआ है। दोनों पिछले काफी सालों से जयपुर में रहने वाले दोस्तों से मिलने आते-जाते थे। करीब 5 महीने पहले रेहान उर्फ लीलू जयपुर आया था। जयपुर में रामगंज निवासी दोस्त मुजफ्फर अली और वसीम उर्फ समीर उल्ला से मिला। रेहान ने दोनों को डकैती की वारदात करने के लिए किसी बड़ी पार्टी के बारे में बताने की कहा। दोनों ने सूरजपोल अनाज मंडी में आटा व्यापारी जितेंद्र तांबी को पैसा वाला होने के बारे में बताया। वसीम और मुजफ्फर ने रेहान को बताया कि वह पिछले 7 महीने से जितेंद्र की रेकी कर रहे हैं। वसीम को सूरजपोल अनाज मंडी में लोडिंग चलाने के कारण व्यापारी के आने-जाने और लाखों रुपए घर में रखे रहने का पता है। वहीं, मुजफ्फर अली बिजली फिटिंग का काम करने के कारण दो-तीन बार व्यापारी के घर के अंदर भी जा चुका है। इस पर रेहान ने दोनों को आगे भी रेकी करते रहने के लिए कहा। दोनों अगले 5 महीने भी रेकी करते रहे। दोनों ने मिलकर व्यापारी की करीब एक साल तक रेकी की।

दोनों मास्टर माइंड ने प्लान बनाकर ली जिम्मेदारी
दिल्ली पहुंचकर रेहान ने अपने दोस्त संजय पांचाल को जयपुर के व्यापारी के बारे में बताया। दोनों दोस्तों ने जयपुर के व्यापारी के घर डकैती डालने का प्री-प्लान तैयार करना शुरू कर दिया। प्लानिंग के तहत संजय पांचाल ने डकैती के लिए जयपुर में रहने-खाने की व्यवस्था करने की जिम्मेदारी ली। रेहान को डकैती डालने के लिए गैंग बनाने और वारदात में यूज करने के लिए कार का जिम्मा मिला। संजय ने जयपुर में किराए का मकान और संसाधन उपलब्ध कराने के लिए जयपुर में रहने वाले अशोक पांचाल से कॉन्टैक्ट किया। वारदात स्थल से दूर रुकने का स्थान भी चिन्हित किए। वहीं, रेहान के कहने पर मुजफ्फर अली और वसीम उर्फ समीर उल्ला प्लानिंग के तहत आने-जाने वाले सभी रास्तों की रेकी करने लगे।

2 महीने पहले जयपुर आकर किराए पर लिए मकान
संजय पांचाल ने वारदात से 2 महीने पहले नांगल जैसा बोहरा में किराए पर मकान लिया। इसके साथ ही आगरा रोड पर गायत्री ग्रीन सिटी जामडोली में भी एक मकान किराए पर लिया। संजय ने अपनी साली निशा को भी इस काम में पार्टनर बनाया। संजय का उद्देश्य था कि महिला होने से आसानी से और बिना शक के मकान किराए पर लिया जा सकेगा। साली निशा को संजय ने अपनी पत्नी बनाकर दोनों मकान आसानी से किराए पर ले लिया। रेहान ने डकैती के लिए दिल्ली के पुराने बदमाशों की गैंग बनाई। डकैती के लिए जोगेन्द्र पांचाल उर्फ जोगा, रणजीत पांचाल, छोटू उर्फ सौरभ, अजय पांचाल और सुभाष पांचाल को शामिल किया गया। दिल्ली में इन बदमाशों के खिलाफ लूट-डकैती के करीब 29 केस दर्ज हैं।

टीम को जयपुर डकैती डालने बुलाया
संजय और निशा ने रेहान को कॉल कर डकैती डालने के लिए सारी व्यवस्था होने की बताया। 22 अगस्त को दिल्ली के रानीबाग से रिट्ज कार चोरी कर रेहान अपनी टीम के साथ जयपुर आ गया। जयपुर आने के दौरान ओएलएक्स पर रिट्ज कार बेचने का ऐड देखा। राजस्थान रजिस्ट्रेशन नंबर की रिट्ज कार का नंबर मिला। जिसे नोट कर चुराई गई रिट्ज कार पर लगा लिया। पुलिस के कार पकड़ने पर जांच में रिट्ज कार ही निकले, जिससे चोरी कार का पता नहीं चले और वह बचकर निकल सकें।

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