बीकानेर. साल भर तक पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियों की निगाहों से खुद को बचाने में कामयाब रहे जलालाबाद बमकांड के आरोपी गुरुचरण सिंह उर्फ चन्ना को जलालाबाद में की गई एक फोन कॉल भारी पड़ गई। हालांकि, यह फोन कॉल उसने दूसरे के मोबाइल से की थी, लेकिन पुलिस को भनक लग चुकी थी और कुछ ही देर में वह दबोच भी लिया गया। चन्ना के पकड़े जाने के बाद उसके बारे में नित नए खुलासे हो रहे हैं। जानकारी मिली है कि उसने अपने ही एक रिश्तेदार के आधारकार्ड में हेराफेरी करके उसकी जगह न सिर्फ अपनी फोटो चिपका ली थी, बल्कि उस नाम को भी अपना लिया। इसी कार्ड के जरिए वह दाल मिल में नौकरी भी कर रहा था। चन्ना से नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआइए) और अन्य सुरक्षा एजेंसियां लगातार पूछताछ कर रही हैं। चन्ना ने सुरक्षा एजेंसियों के समक्ष कई राज भी खोले हैं। एजेंसियां उसकी तस्दीक कर रही हैं।

यूं आया पकड़ मेंआरोपी गुरुचरण उर्फ चन्ना बमकांड के बाद जलालाबाद से फरार हो गया। उसने 21 सितंबर, 2021 के बाद घरवालों से कोई संपर्क ही नहीं किया। सुरक्षा एजेंसियों व पंजाब की स्पेशल पुलिस टीम ने आरोपी के रिश्तेदारों व परिचितों के मोबाइल नंबर सर्विलांस पर डाल रखे थे। चन्ना ने करीब पखवाड़ेभर पहले जलालाबाद में किसी से संपर्क किया। बस पुलिस को भनक लग गई। नंबर की जांच की गई, तो वह बीकानेर के खारा का निकला। सूचना बीकानेर एसपी को दी गई। एसपी ने डीएसटी व जामसर पुलिस को अलर्ट किया। डीएसटी टीम ने करीब छह घंटे तक सर्च कर मोबाइल की लोकेशन ट्रेस की। तब पता चला कि आरोपी गुरुचरण ने किसी अन्य व्यक्ति का मोबाइल यूज किया था। मोबाइल वाले व्यक्ति की निशानदेही पर गुरुचरण के दाल मिल में काम करने का पता चला। तब पंजाब, जामसर पुलिस व डीएसटी ने गुरुचरण को दबोचा।

ऐसे हासिल की फर्जी पहचानपुलिस अधीक्षक योगेश यादव ने बताया कि जलालाबाद बमकांड के आरोपी गुरुचरण उर्फ चन्ना के मामले में जामसर एसएचओ इन्द्रकुमार ने जांच शुरू कर दी है। प्रथमदृष्टया जांच में चौकाने वाला तथ्य मिला है। आरोपी चन्ना यहां पर सोना सिंह पुत्र सुच्चा सिंह बन कर रह रहा था। उसने आधार कार्ड पर अपना फोटो लगवा कर यह नाम ही अपना लिया था। इतना नहीं, आधार कार्ड संबंधी संपूर्ण डाटा पुलिस के हाथ लगा है, जिससे हेराफेरी की पुष्टि हुई है। जामसर एसएचओ इन्द्र कुमार के मुताबिक गुरुचरण उर्फ चन्ना को पनाह देने वाले सभी 11 लोगों की कुंडली खंगाली जा रही है।

बैक ग्राउंड है मजबूतगुरुचरण का जलालाबाद में घर-परिवार, पत्नी व बच्चे हैं। वह आपराधिक प्रवृति के लोगों के चंगुल में फंसकर अपराध के दलदल में उतरा। धन-संपन्न परिवार से होने के बावजूद वह तस्करी और बमकांड में संलिप्त रहा। बमकांड के बाद बीकानेर के खारा में मजदूर बन कर रह रहा था, ताकि उसे कोई पहचान नहीं सके।